एक साल तक कृषि कानूनों के सस्पेंड करने के सरकारी प्रपोजल पर किसानों का इनकार

एक साल तक कृषि कानूनों के सस्पेंड करने के सरकारी प्रपोजल पर किसानों का इनकार

किसान संगठनों और सरकार के बीच नये कृषि कानूनों को लेकर दसवें दौर की वार्ता बुधवार को हुई। पहले यह बैठक मंगलवार को होनी थी जिसे टाल कर 20 जनवरी का दिन तय किया गया था।

वार्ता के दौरान  सरकार ने किसानों के समक्ष एक प्रपोजल रखा कि एक साल या ज्यादा समय के लिए कृषि कानूनों को सस्पेंड कर दिया जाएगा और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दे दिया जाएगा।

लेकिन किसानों संगठनों ने रिपील की मांग पर ज़ोर दिया और अगली बैठक तक विचार विमर्श कर निर्णय लेने की बात कही।

MSP के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी की पेशकश की परंतु किसानों ने इसे अस्वीकार किया। इस पर 22 जनवरी की अगली मीटिंग में विस्तारपूर्वक चर्चा होगी।

वही कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा कि ” पिछली सरकारों भी ये कानून लागू करना चाहती थीं लेकिन दबाव के कारण वे ऐसा नहीं कर सकीं। मोदी सरकार ने कड़े निर्णय लिए और ये कानून लेकर आई , जब भी कोई अच्छी चीज होती है तो अड़चने भी आती हैं”।

NIA जांच औरगिरफ्तारियों पर भी चर्चा 

आज की मीटिंग में  किसान  संगठनों ने  सरकार द्वारा NIA जांच और गिरफ्तारियों पर भी चर्चा करते हुए अपनी गंभीर आपित्तियां   दर्ज की जिस पर  सरकार ने NIA को नाजायज केस न करने के निर्देश देने का भरोसा दिया।

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Abhinav Kumar

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