बल प्रयोग के ख़िलाफ़ भड़के किसान नेता, सरकार पर लगाया वार्ता न करने का इल्जाम
पंजाब और हरियाणा सीमा पर शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसान नेताओं ने कहा किया कि बुधवार को केंद्र के किसी मंत्री के साथ बैठक नहीं हुई है, केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक गुरुवार को होनी है.
यूनियन नेताओं डल्लेवाल, पंढेर और सुरजीत सिंह ने कहा, “हम सभी युवाओं और किसान नेताओं से आह्वान करते हैं कि कल बैठक होने तक सहयोग किया जाए और माहौल को ख़राब नहीं होने दिया जाए.”
प्रेस वार्ता में किसान नेताओं ने कहा, “कल रात हमें वार्ता का संदेश मिला था, हमने वार्ता करने का मन बनाया. सबसे पहले हमने दो फोरम में वार्ता की, आंदोलन के सभी लोगों से वार्ता की, हमने तय किया था कि आज हम शांत रहेंगे और आगे नहीं बढ़ेंगे.
सभी यूनियन ने तय किया था कि अगर सरकार वार्ता करना चाहती है तो हम वार्ता करेंगे, आगे नहीं बढ़ेंगे. हमारे ऊपर ड्रोन ने आज भी शेलिंग की, उसका मतलब था कि केंद्र सरकार नहीं चाहती कि हम वार्ता करें.”
प्रेस वार्ता में किसान नेताओं ने कहा, “हमारे नेता युवाओं को समझाते रहे, किसी को आगे नहीं जाने दिया लेकिन फिर भी केंद्र ने जान बूझकर हम पर बल प्रयोग किया. बुधवार को हमारी तरफ़ से कोई आगे नहीं बढ़ा, सुरक्षाबलों ने शैलिंग करके हमें उकसाया लेकिन हमारे 99 प्रतिशत प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक रहे. जब हम शांतिपूर्ण बैठे थे तब केंद्र को हमारे ऊपर शैलिंग न हीं करनी चाहिए थी. केंद्र हमें भड़काना चाहती है.”
उन्होंने कहा, “अर्धसैनिक बल हमें रोकने के लिए लगाए गए हैं, आपात हालातों में अर्धसैनिक बल लगाए जाते हैं लेकिन केंद्र सरकार किसानों को दुश्मन समझ कर अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं. हमें एंटीनेशनल बताकर हमारे ट्विटर हैंडल बंद किए गए हैं. आज फिर से गिरफ़्तारियां हुई हैं, उत्तर प्रदेश में जिन यूनियनों ने हमारा समर्थन किया है, उसके नेता गिरफ़्तार किए गए हैं.
हमारे कार्यकर्ताओं को थाने ले जाया जा रहा है. इन हालात में भी हम वार्ता से पीछे हटना नहीं चाहते, दिल्ली जाना हमारे सम्मान का सवाल नहीं है, हम अब भी वार्ता करना चाहते हैं. हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि जब हम शांतिपूर्ण बैठे हों तब हम पर गोले न छोड़े जाएं.”
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