करनाल: पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए किसान की हार्ट अटैक से मौत, राकेश टिकैत ने SDM को बताया ‘सरकारी तालिबानी’

करनाल: पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए किसान की हार्ट अटैक से मौत, राकेश टिकैत ने SDM को बताया ‘सरकारी तालिबानी’

हरियाणा के करनाल जिले में आंदोलनकारी किसानों पर शनिवार को हुए पुलिस के लाठीचार्ज के बाद एक किसान की मौत होने से सनसनी फैल गई।

आरोप है कि यह किसान भी प्रदर्शन में शामिल था। पुलिस के गुस्से का शिकार होने के बाद रात को दिल का दौरा पड़ने से इसकी मौत हो गई।

उधर, किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने ट्वीट कर कहा कि भाई सुशील काजल डेढ़ एकड़ के किसान थे। वह 9 महीने से आंदोलन में अपनी हिस्सेदारी दे रहे थे। कल करनाल टोल प्लाजा पर जो पुलिस ने लाठियां चलाईं। उनको बहुत चोट आई थी। रात को हार्ट फेल के कारण शरीर त्याग कर भगवान को प्यारे हो गए हो गए। हम इनके बलिदान के आभारी रहेंगे

मृतक किसान करनाल जिले के रायपुर जाटान गांव का बताया जा रहा है। उसका नाम सुशील काजल (50) था। वह कई महीनों से किसान आंदोलन में हिस्‍सा ले रहा था।

पुलिस ने शनिवार को सीएम मनोहर लाल का विरोध कर रहे किसानों पर करनाल में बसतारा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज किया था। इसमें 36 से ज्यादा किसान घायल हो गए थे। बताया जा रहा है कि सुशील काजल को रात में सदमे से ह्रदयाघात हो गया।

किसानों ने सुशील काजल के बलिदान को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। ढासा बॉर्डर पर किसानों ने सुशील को श्रद्धांजलि दी। उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। ढासा बॉर्डर धरने पर किसानों ने आज के अपने सभी प्रोग्राम रद्द करते हुए माइक को भी बंद कर दिया।

किसानों का कहना है कि पुलिस की इस बर्बरता पूर्वक कार्रवाई के कारण किसान की मौत हुई है। साथ ही किसानों ने कहा कि वह आखिरी सांस तक किसान आंदोलन को जारी रखेंगे।

उधर, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने करनाल के एसडीएम को ‘सरकारी तालिबानी’ का कमांडर करार दिया है। उन्होंने एक सभा में कहा कि कल एक अधिकारी ने किसानों के सिर पर मारने का आदेश (पुलिस को) दिया। उन्होंने हमें खालिस्तानी कहा. अगर आप हमें खालिस्तानी और पाकिस्तानी कहेंगे तो हम यही कहेंगे कि ‘सरकारी तालिबानी’ ने देश पर कब्ज़ा कर लिया है। ये लोग ‘सरकारी तालिबानी’ हैं।

(साभार- जनसत्ता)

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

Amit Singh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.