किसान आंदोलन को लेकर मोदी ने राज्यसभा में क्या कहा?

किसान आंदोलन को लेकर मोदी ने राज्यसभा में क्या कहा?

सोमवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को रद्द न किए जाने के अपने इरादे फिर से ज़ाहिर कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि क़ानून देश के विकास को आगे बढ़ाने के लिए बेहद ज़रूरी है और इसकी कोशिश पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी की थी।

उन्होंने किसान नेताओं के साथ बातचीत की भी बात कही लेकिन ये भी कहा कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है और कुछ ‘आंदोलनजीवी’ ऐसा काम करते हैं। मोदी ने ऐसे ‘आंदोलनजीवियों’ को पहचानने की बात कही।

राज्यसभा में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ‘हमें तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा बनेंगे या समाधान का माध्यम। राजनीति और राष्ट्रनीति में से हमें किसी एक को चुनना होगा।’

मोदी ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई, जो भी बताया गया वो आंदोलन को लेकर बताया गया लेकिन मूल बात पर कोई चर्चा नहीं की गई। लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि खुद नरेंद्र मोदी ने इस पर एक शब्द नहीं कहा कि कृषि क़ानून में क्या अच्छा है।

मोदी ने सदन में चौधरी चरण सिंह का ज़िक्र करते हुए कहा कि किसानों का सेंसेस लिया गया, तो पता चला कि 33 फ़ीसदी किसान ऐसे हैं जिनके पास दो बीघे से भी कम ज़मीन है, 18 फ़ीसदी ऐसे हैं जिनके पास दो से चार बीघे ज़मीन है। ये कितनी भी मेहनत कर लें, अपनी ज़मीन पर इनकी गुज़र नहीं हो सकती।

मोदी ने सरकार की सारी सुविधाओं के लाभान्वित होने वालों को धनी किसान बताया और कहा कि छोटे और ग़रीब किसानों को कोई फायदा नहीं मिला।

असल में नरेंद्र मोदी कृषि क़ानूनों को ग़रीब किसानों के लिए महान उपलब्धि बताने की कोशिश करते हुए यहां तक कहा कि धनी किसान ग़रीब किसानों को मनमाने दाम पर पानी देते थे।

पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल और मौजूदा कार्यकाल में किसानों के हित के लिए शुरू की गई योजनाओं और नीतियों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, 2014 से हमने किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कृषि क्षेत्र में बदलाव शुरू किया है. फसल बीमा योजना को किसानों के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए बदलाव किये। पीएम-किसान योजना लायी गई। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार छोटे किसानों के लिए काम कर रही है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Workers Unity Team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.