किसान गणतंत्र दिवस परेड की भारी सफलता से सरकार में खलबली, शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर मोर्चे ने दी बधाई
संयुक्त मोर्चे की ओर से 26 जनवरी को दिल्ली में आयोजित किसान गणतंत्र दिवस परेड की भारी सफलता के बीच गोदी मीडिया और सरकार में खलबली मच गई है।
क़रीब एक लाख ट्रैक्टरों से सिंघु, टीकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की सड़कों पर झांकी निकाली। पुलिस के साथ छिपुट झड़प के बाद धीरे धीरे आगे बढ़ती किसानों की परेड का दिल्ली की जनता ने सड़क के किनारे खड़े होकर स्वागत किया और जगह जगह फूल बरसाए।
ग़ाज़ीपुर से चली रैली जब आईटीओ पहुंची तो दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के पास उत्तराखंड के एक किसान की गोली लगने से मौत हो गई, जिसके बाद भी किसान उग्र नहीं हुए और वहीं धरने पर बैठ गए।
लाल किले पर रैली लेकर पहुंचे कुछ उग्र नौजवानों ने खालसा पंथ का केसरिया झंडा फहराया जिसमें पुलिस से हल्की झड़प हुई और एक पुलिसकर्मी ने आंदोलनकारियों पर गोली चला दी, जो एक व्यक्ति के पैर और हाथ में लगी।
लेकिन इसके बाद कोई हिंसा नहीं हुई। लाल किले पर पहुंचने वालों में दीप सिद्धु नामके एक पंजाबी गायक और निहंग सरदार थे।
दीप सिद्धु पर आरोप लगा रहा है कि वो भाजपा सांसदों सनी देओल और हेमा मालिनी के क़रीबी रहे हैं और नरेंद्र मोदी के साथ भी उनकी तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल है।
संयुक्त किसान मोर्चे ने बयान जारी कर 26 तारीख़ की शाम को इस परेड को बंद करने का ऐलान किया।
बयान में कहा गया है कि ‘किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं। हम इस दौरान कुछ अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा करते हैं, उनसे असंबद्धता करते हुए खेद जताते हैं।’
बयान के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान गणतंत्र दिवस परेड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है, और सभी प्रतिभागियों से तुरंत अपने धरना स्थलों पर वापस लौटने की अपील की है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा और आगे के कदमों पर चर्चा के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
सिंघु बॉर्डर से चली ट्रैक्टर परेड के मुकरबा चौक से लाल किले की ओर मुड़ जाने पर मोर्चे ने कहा कि, ‘हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ लोग और संगठनों ने नियमों को तोड़ा है और निंदनीय गतिविधियों में लिप्त हुए हैं। असामाजिक तत्वों ने इस शांतिपूर्ण आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की है। हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और किसी भी हिंसक गतिविधि से आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा।’
बयान के अनुसार, 6 महीने लम्बा और अब दिल्ली की सीमाओं पर 60 दिन से ज्यादा से चल रहे इस आंदोलन के कारण भी ऐसी स्थिति आयी है।
मोर्चे ने कहा है कि ‘किसी भी हिंसक कार्रवाई या राष्ट्रीय प्रतीकों और मर्यादाओं को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी गतिविधि में कोई लिप्त न हो। हम सभी से अपील करते हैं कि वे ऐसे किसी भी कृत्य से दूर रहें।’
सयुंक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि परेड संबधी बनाई गई योजना के बारे में सभी घटनाओं की पूरी तहकीकात की जाएगी और उम्मीद है कि जल्द ही पूरी तस्वीर मिल जाएगी और एक विस्तृत प्रेस नोट जारी किया जाएगा।
मोर्चे ने कहा है कि कुछ छिटपुट घटनाओं के अलावा ऐतिहासिक रूप से किसान आंदोलन को पूरे देश में समर्थन मिला है।
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