“सरकार कौड़ियों के भाव खरीदना चाहती है जमीन, किसानों को मिले उचित मुआवजा”
मानेसर में जमीन अधिग्रहण के मुद्दे को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दे रही “जमीन बचाओ, किसान बचाओ” संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की।
अपने ज्ञापन में समिति ने बताया कि मानेसर के कासन, खोह, कुकडौला, सहरावन गांव की 1810 एकड़ जमीन का सरकार बहुत कम भाव पर अधिग्रहण कर रही है। यह किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने जो भूमि अधिग्रहण नीति बनाई थी, उसमें किसान हितों को सबसे ऊपर रखा गया था।
उस भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन अधिग्रहण के लिये 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी है। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार किसानों की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदना चाहती है।
हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को माने और उन्हें नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के मुताबिक मुआवजा दे।
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उन्होंने कहा कि किसान लंबे समय से अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। बावजूद इसके BJP-JJP सरकार इनसे बात करने को तैयार नहीं है। इसके चलते एक बार फिर प्रदेश सरकार का किसान विरोधी चेहरा उजागर हुआ है।
जमीन बचाओ किसान बचाओ संघर्ष कमेटी व किसानों का कहना है कि वर्तमान में सरकार किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 55 लाख रुपए देना चाहती है।
इसके साथ साथ किसान यह भी कह रहे हैं कि अगर सरकार हमारी जमीन लेती है तो 11 करोड़ रुपए प्रति एकड़ का दाम भुगतान करे दे फिर प्रभावित किसानों सहित अन्य लोगों की जमीन को रीलिज करके उनको वापस लौटा दे।
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