किसानों की आगे झुकी खट्टर सरकार, सभी 85 किसान रिहा, कोई मुकदमा दर्ज नहीं होगा
आज हरियाणा के हिसार में मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज, आंसूगैस व पथराव के बाद किसानों ने अपनी ताकत दिखाई और गिरफ़्तार किए गए किसानों को छोड़ना पड़ा।
पुलिस के इस हमले में दर्जनों किसानों को गहरी चोटें आई। हरियाणा के किसान संगठनों और सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने आज 2 घंटे के लिए हरियाणा के सभी हाईवे पर जाम रखा।
सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंच कर किसानों का हाल जाना व गिरफ्तार 85 किसानों की रिहाई और किसी भी किसान पर मुकदमा न करने की मांग की।
ऐसा न होने पर कल 11 बजे हरियाणा के सभी पुलिस थानों के घेराव की चेतावनी दी। किसानों ने हिसार पुलिस IG आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया। सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता के लिए किसानों की तरफ से 10 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई गुरनाम सिंह चढूनी, विकास सीसर व सुमन हुड्डा ने की।
वार्ता के बाद हरियाणा सरकार बैकफुट पर आई और किसानों की मांगें मान ली गयीं। सभी गिरफ्तार 85 किसानों, जिनमें 65 पुरुष किसान व 20 महिला किसान शामिल है, को रिहा कर दिया गया व उन्हें धरनास्थलों पर वापस छोड़ा गया।
सरकार ने ये भी माना कि इस घटना से संबंधित किसी भी किसान पर कोई पुलिस केस नहीं दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा किसानों के अनेक वाहन, जो पुलिस ने जब्त कर लिए थे, उन्हें भी छोड़ने का फैसला हुआ है।
इसके बाद किसानों द्वारा हरियाणा के मुख्य हाईवे जो बंद किये थे, उन्हें खोल दिया गया। कल के प्रस्तावित पुलिस थानों के घेराव को वापस ले लिया गया।
यह भी तय किया गया कि इस घटना में जख्मी सभी किसानों का मेडिकल इलाज हरियाणा के किसान संगठन करवाएंगे। हरियाणा सरकार के किसानों पर हमलों का सख्ती से जवाब दिया जाएगा। किसान किसी भी कीमत पर नहीं झुकेंगे।
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