यूपी पुलिस निष्पक्ष जांच करने के काबिल है भी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को लताड़ा
लखीमपुर खीरी कार हमले में जांच की धीमी कार्रवाई से खफ़ा सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को योगी सरकार की खिंचाई करते हुए निष्पक्ष जांच करने की काबिलियत पर सवाल उठाए।
प्रधान न्यायाधीश एनवीरामन्ना के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि उसे समय पर जांच की स्थिति पर रिपोर्ट नहीं मिली, और उसने कभी भी ऐसी रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में जमा करने के लिए नहीं कहा। पीठ ने यूपी पुलिस की सुस्ती पर खिंचाई कपते हुञए कहा कि जांच एक अंतहीन कहानी नहीं हो सकती।
अदालत ने गवाहों की सुरक्षा के संबंध में कहा कि सभी सूचीबद्ध गवाहों के बयान अभी तक क्यों दर्ज नहीं किए गए, सबसे कमजोर गवाहों, जिन्हें धमकाया जा सकता है को क्यों नहीं पहचाना गया है और बयान क्यों नहीं दर्ज किए गए?
सुप्रीम कोर्ट के तीखे रवैये के बाद यूपी सरकार ने गवाहों की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता ज़ाहिर की। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज न करने और उन्हें डराने-धमकाने का मुद्दा उठाया है।
मोर्चा का कहना है कि अजय मिश्रा टेनी के केंद्रीय मंत्री के रूप में बने रहने से इस मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय हासिल करना संभव नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर त्वरित न्याय की मांग करते हुए कहा कि यह तभी संभव है जब अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए।
मोर्चा ने कहा कि निहंग सिखों के एक समूह की केंद्रीय कृषि मंत्रियों से संदिग्ध तरीके से अन्य लोगों की उपस्थिति में मिलने और यहां तक कि मोर्चा स्थलों को छोड़ने के लिए पैसे की पेशकश के बारे में और खबरें सामने आती जा रही हैं, ऐसी परिस्थिति में 15 अक्टूबर को सिंघू बॉर्डर पर हुई नृशंस हत्या की साजिश की व्यापक जांच की अपनी मांग दोहराना आवश्यक हो गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि हालांकि किसान आंदोलन की छवि खराब करने की कोशिश सफल नहीं हुई है, लेकिन भाजपा की करतूत उजागर करने के लिए इस पूरे प्रकरण के पीछे की सच्ची कहानी दुनिया के सामने लाना आवश्यक है।
ताज़ा भारी बारिश के कारण बर्बाद हुई फसलों का तत्काल मुआवज़ा देने की संयुक्त किसान मोर्चे ने अपील की है। एक बयान में मोर्चा ने कहा है कि देश के कई हिस्सों में भारी बारिश ने इस फसल के मौसम में विभिन्न राज्यों में लाखों किसानों के लंबे अथक प्रयासों और परिश्रम को नष्ट कर दिया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और अन्य स्थानों में हजारों हेक्टेयर धान और अन्य फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है।
मोर्चा की मांग है कि सरकारें किसानों को हो रहे नुकसान का व्यापक आकलन करें और सभी किसानों को कवर करते हुए उन्हें तुरंत मुआवजा दें।
पटियाला रेलवे स्टेशन पर फंसी ट्रेन के यात्रियों का गाना गाते और नाचते और किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए एक वीडियो सामने आया है, जो इस मिथक को तोड़ता है कि किसान लोक-समर्थन खो रहे हैं।
यह हाल ही में एसकेएम द्वारा दिए गए 6 घंटे के रेल रोको कॉल के दौरान था। बड़ी सार्वजनिक असुविधा का एक आख्यान पेश करने की कोशिश की गई है जबकि जनता वास्तव में हमारे अन्नदाता के साथ एकजुटता में खड़ी है और उनके लिए न्याय मांग रही है।
इस बीच, रेल रोको आंदोलन के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनकारियों पर सैकड़ों मामले दर्ज होने की खबरें आ रही हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि इन मामलों को बिना शर्त तत्काल वापस लिया जाए।
गांधी जयंती पर चंपारण से निकली लोकनीति सत्याग्रह किसान जन जागरण पदयात्रा 18 दिन के पैदल मार्च के बाद आज वाराणसी शहर पहुंची। इन १८ दिनों के दौरान, पदयात्रा पूरे मार्ग में बहुत अच्छा समर्थन जुटाने में सक्षम रही और इसे एक बड़ी गर्मजोशी और आतिथ्य प्राप्त हुआ। यात्रा ने लगभग 330 किलोमीटर की पैदल दूरी तय की और रास्ते में युवा और बूढ़े, पुरुषों और महिलाओं, शहरी और ग्रामीण नागरिकों तक सफलतापूर्वक पहुंच गई।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र में, जब तक कि सरकार द्वारा किसान आंदोलन की सभी जायज मांगों को पूरी तरह से पूरा नहीं किया जाता है, सभी प्रतिभागियों द्वारा किसानों के लिए अपना संघर्ष जारी रखने की शपथ लेते हुए पदयात्रा का समापन किया गया। पदयात्री लखीमपुर खीरी हत्याकांड में न्याय दिलाने के लिए अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की भी पुरजोर मांग कर रहे हैं।
लखीमपुर खीरी हत्याकांड में न्याय के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए अभी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और आसपास के गांवों, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि में कई शहीद किसान अस्थि कलश यात्राएं चल रही हैं। ये यात्राएं श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शामिल होने वाले हजारों प्रतिभागियों के संघर्ष के संकल्प को पहले की तरह शांतिपूर्वक और मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए मजबूत कर रही हैं।
हरियाणा में भाजपा नेताओं को कल भी उनके कार्यक्रमों के खिलाफ स्थानीय काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जींद जिले के सांसद अरविंद शर्मा को जुलाना कस्बे में विरोध का सामना करना पड़ा। वहीं कैथल जिले में सुबह से ही किसान मंत्री कमलेश टांडा के खिलाफ जुटे।
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