किसानों के समर्थन में बनाए गए ये मीम्स और फ़ोटो मचा रहे हैं सोशल मीडिया पर धूम
जिस समय पूरे दिल्ली को पांच लाख से अधिक किसान घेरे हुए हों, हिंदी समाचार चैनलों पर पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, कोरोना और नीतीश कुमार और मोदी पर घंटों बहस कराई जा रही है।
लेकिन सोशल मीडिया पर नज़ारा कुछ और है। वहां किसानों के समर्थन में तरह तरह के मीम्स बनाए जा रहे हैं और सरकार और पूंजीपतियों की साठ गांठ की तीखी आलोचना की जा रही है।
दशकों पुरानी कुछ तस्वीरों को लोग ढूंढ ढूंढ कर निकाल रहे हैं और राजनीतिज्ञों के दोमुहेंपन पर लानतें भेज रहे हैं।
इन्हीं में से चुनिंदा मीम्स और तस्वीरें वर्कर्स यूनिटी के पाठकों के लिए हम यहां दे रहे हैं। इन मीम्स की सत्यता की हम पुष्टि नहीं करते, ये सिर्फ यूज़र्स के प्रति साभार व्यक्त करते हुए जन भावनाओं को दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं।
किसान मार्च में एक बुज़ुर्ग दादी और एक छोटे बच्चे की तस्वीर के सामने आऩे पर इस पर लोग तरह तरह के मीम्स बना कर पोस्ट कर रहे हैं। उन्हीं में से एक मीम ये है।
जब कृषि क़ानून पास किए गए तो मोदी ने खुद आकर कहा था कि ये क़ानून किसानों के हित में बनाए गए हैं। असल में मोदी पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की कई बार नज़री दे चुके हैं। ये मीम्स उनकी कथनी और करनी पर तंज है।
किसानों को लुभाने के लिए मोदी सरकार ने बहुत सारी योजनाओं की शुरुआत की थी। वे खुद भी किसानों के साथ एक खास भावनात्मक लगाव भी दर्शाते रहे हैं। लेकिन अब जबकि किसान सैकड़ों किमी चल कर दिल्ली पहुंचे हैं, मोदी मंच से गायब हैं। ये तस्वीर उनके किसान प्रेम पर तंज करते हुए बड़ी संख्या में पोस्ट की जा रही है।
ये दोनों तस्वीरें हाल फिलहाल की हैं। पहली दीपावली के दौरान सीमा पर फौज के जवानों के साथ समय बिताने के दौरान की है, जिसमें मोदी खुद फौजी वर्दी डाटे हुए हैं। इसकी काफ़ी आलोचना की गई कि फ़ौज की वर्दी बहुत मेहनत से हासिल की जाती है और किसी भी प्रोटोकॉल में नहीं है कि देश का मुखिया वर्दी पहने। दूसरी तस्वीर वैक्सीन के लैब का भ्रमण करते हुए पीपीई किट में है। ये भ्रमण उस समय हुआ जब किसान गढ्ढों को पार करते हुए और पानी की धार झेलते हुए दिल्ली की सीमा पर दाखिल हो गए थे। क़रीब ढाई महीने से जारी किसानों के प्रदर्शन पर मोदी कुछ नहीं बोले हैं। ये उनके मौनी बाबा बने रहने पर ही तंज है।
किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर लोग अपने प्रोफ़ाइल फ़ोटो के साथ लोगो लगाकर अपना आभार व्यक्त कर रहे हैं। लाखों की संख्या में यूज़र अपने प्रोफ़ाइट पर ये लोगो लगाया है और ये संख्या दिनों दिन बढ़ ही रही है।
अभिनेत्री से नेत्री बनीं हेमा मालिनी की ये फ़ोटो 2014 के चुनावों के दौरान मथुरा की है। सोशल मीडिया यूज़र्स ऐसे सैलिब्रिटीज़ की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं जो कभी किसानों से दिखावे के लिेए ही सही हमदर्दी जताई हो।
इन्हीं सेलिब्रिटीज़ में अमिताभ बच्चन भी हैं। सालों पुरानी इस तस्वीर को भी सोशल मीडिया पर इस समय खूब साझा किया जा रहा है। असल में अमिताभ बच्चन की आवाज़ का कोरोना से बचाव के लिए सरकार बहुत इस्तेमाल कर रही है। अभी तो मोबाइल रिंगटोन के पहले उनकी आवाज़ में सतर्कता का ज्ञान अनिवार्य होने से सोशल मीडिया पर ये सरकारी अत्याचार बंद कराने की कुछ लोग मुहिम भी छेड़ चुके हैं। लेकिन इससे अलग अमिताभ बच्चन अपने संकट के दिनों में खुद को किसान घोषित कर दिया था ताकि टैक्स से बचा जा सके। ये बहुत विवादास्पद और बहुचर्चित मामला रहा है। ये तस्वीर पोस्ट कर लोग अमिताभ बच्चन को याद दिलाने की शायद कोशिश कर रहे हैं कि फर्जी ही सही कभी किसान थे तो किसानों के समर्थन में आवाज़ भी उठाएं।
जिस समय सरकार, बीजेपी और संघ समर्थक कुछ लोग किसानों को खालिस्तानी, देशद्रोही कहकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उसी समय एक ख़बर आई कि किसान प्रदर्शन में शामिल शख़्स का बेटा सीमा पर शहीद हो गया। तरनतारन के किसान कुलवंत सिंह जब दिल्ली पहुंचे तो पता चला कि उनका 22 साल का बेटा सुखबीर सिंह शहीद हो गया। सुखबीर की ये तस्वीर पर किसान विरोधियों के जवाब में खूब शेयर की जा रही है।
जबसे किसान बैरिकेड तोड़ते हुए दिल्ली की तरफ़ बढ़ना शुरू किया, तभी से सोशल मीडिया पर ये तस्वीर काफ़ी साझा की जाने लगी। इसके साथ लोग ये भी लिख रहे हैं कि जब सबसे ख़तरनाक जानवरों को किसान अपने लाठी डंडे से भगा देते हैं तो सरकार क्या चीज़ है। कई लोगों ने इस तेंदुए की तुलना मोदी के मेक इन इंडिया के शेर से भी की है, जो इस समय भीगी बिल्ली बना हुआ है।
ये तस्वीर दो साल पहले की है जब किसानों ने स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए दिल्ली पर चढ़ाई कर दी थी। यूपी गेट पर किसानों और पुलिस के बीच भीषण संघर्ष हुआ जिसमें कई किसान लहूलुहान हुए थे। किसानों के संघर्ष को याद करते हुए ये तस्वीर खूब शेयर की जा रही है।
और अंत में ये पोस्टर दिनबंधु सर छोटूराम के कथन का है, जिसे लोग साझा कर रहे हैं।
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