किसान आंदोलन में बुजुर्ग चेहरे, कैमरे की नज़र मेंः फ़ोटो फ़ीचर

किसान आंदोलन में बुजुर्ग चेहरे, कैमरे की नज़र मेंः फ़ोटो फ़ीचर

बीते 45 दिन से किसान दिल्ली के चारो ओर घेरा डालो डेरा डालो के नारे के साथ जमे हुए हैं। लाखों की संख्या में आए इन आंदोलनकारियों में अधिकांश संख्या बुज़ुर्गों की है। अबतक क़रीब 60 किसानों की असामयिक मौतें हो चुकी हैं, जिनमें अधिकांश बुजुर्ग हैं। फिर भी इन बुजुर्ग किसानों के हौसले बुलंद हैं।

Old age farmer at Singhu 1

पिछले तीन चार दिनों से रुक रुक कर लगातार हो रही बारिश के बीच अपनी ट्रॉली में बैठे बुज़ुर्ग किसानी पर निकलने वाले एक अख़बर को पढ़ते हुए। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

Old age Farmer in protest 2

बारिश के बाद बीते मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर बैठे लोग। एक तो ठंडी ऊपर से तेज़ बारिश ने आंदोलनकारियों की मुश्किलें बढ़ा दीं हैं। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

Old age Farmer in protest 3

प्राख्यात लेखिका अरुंधति रॉय की किताब आई है आज़ादी। इसकी पंजाबी प्रति को खरीद कर पढ़ने वाले भी इस आंदोलन में हैं। सिंघु बॉर्डर पर किताबों के स्टॉल भी लगे हैं और लाइब्रेरी भी। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

Old age Farmer in protest 4

ये बुज़ुर्ग किसान अपने युवा अवस्था में फ़ौज छोड़कर किसानी में जुट गए थे। इस समय इनकी उम्र 80 पार है। इतनी ठंड और मुश्किलों के बावजूद उऩ्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी सुनेगी। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

Old age Farmer in protest 5

खुशी के पलों में ये सुरजीत सिंह बरनाला की तरह दिखते हैं। इनके हम उम्र भी उन्हें बरनाला ही बुलाते हैं। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

Old age Farmer in protest 6

 

नो फॉर्मर नो फूड इस आंदोलन का एक लोकप्रिय नारा बन चुका है और इसे बिल्ले लोग अपने सीने पर लगाए हुए बहुतायत में मिल जाएंगे। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

Old age Farmer in protest 7

 

जब इन आंदोलनकारियों पर खालिस्तानी होने के आरोप लगे तो एक नारा और चल पड़ा, वी आर फार्मर्स नाट टेररिस्ट। ऐसी तख़्तियां सिंघु से लेकर टीकरी बॉर्डर पर हर कदम पर मिल जाएंगी। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

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इस आंदोलन की एक और ख़ास बात है लंगर जिसमें काम करने वाले अमूमन पुरुष हैं, जो बर्तन धोने से लेकर साफ़ सफ़ाई और खाना बनाने तक खुद करते हैं। बर्तन धोते हुए इस बुज़ुर्ग के चेहरे पर आई खुशी को वहां जाने वाले लोग महसूस कर सकते हैं। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

Old age Farmer in protest 9

 

शुरू में कहा गया कि ये आंदोलन सिर्फ पंजाबी किसानों का है। लेकिन हरियाणा के किसानों की अच्छी खासी संख्या यहां देखी जा सकती है। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

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इतने सीनियर सिटीजंस आंदोलन में डटे हुए हैं लेकिन उनके लिए सरकार ने कोई इंतज़ाम नहीं किया है। ठंड के कारण हर्ट अटैक से मरने वालो में इन्हीं की संख्या अधिक है। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

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फिर भी किसानों को उम्मीद है कि उन्हें कामयाबी मिलेगी, सरकार झुकेगी और तीनो कृषि क़ानून वापस लेगी। फ़ोटोः नीरा जलक्षत्रि

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Workers Unity Team

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