15 मार्च को कारपोरेट विरोधी दिवस और 26 मार्च को भारत बंद के साथ किसान मोर्चे के बड़े ऐलान
दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के 105 दिन पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चे ने आंदोलन तेज़ करने के लिए 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है। इसी दिन कई ट्रेड यूनियनें, बैंक यूनियनें, रेलवे यूनियनों ने भी उग्र प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
मोर्चे ने सामाजिक संगठनों, ट्रेड यूनियनों और मज़दूरों के संगठनों के साथ मिल कर भारत बंद को और विशाल और प्रभावी बनाने की कोशिश करेगा।
एक बयान जारी कर संयुक्त मोर्चे ने कहा है कि 15 मार्च कॉरपोरेट विरोधी दिवस व सरकार विरोधी दिवस मनाया जाएगा जिसमे डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दामों के खिलाफ DM और SDM को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसी दिन देशभर के रेलवे स्टेशनों पर मजदूर संगठनों के साथ निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इसके साथ ही मोर्चे ने 28 मार्च तक कार्यक्रमों की एक सूची जारी की है। प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं-
- 15 मार्च को ट्रेड यूनियनों के साथ पूरे देश में कारपोरेट विरोधी दिवस मनाया जाएगा।
- 17 मार्च को मजदूर संगठनों व अन्य जान अधिकार संगठनों के साथ 26 मार्च के प्रस्तावित भारत बंद को सफल बनाने के लिए एक कन्वेंशन की जाएगी।
- 19 मार्च को मुज़ारा लहर का दिन मनाया जाएगा और FCI और खेती बचाओ कार्यक्रम के तहत देशभर की मंडियों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
- 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर देशभर के नौजवान दिल्ली बॉर्डर्स पर किसानों के धरनों पर शामिल होंगे।
- 26 मार्च को इस अन्दोलन के 4 महीने होने पर पूर्ण रूप से भारत बंद किया जाएगा।
- 28 मार्च को देशभर में होली दहन में किसान विरोधी कानून जलाए जाएंगे।
हरियाणा में अविश्वास प्रस्ताव, बिहार में यात्रा
सयुंक्त किसान मोर्चा हरियाणा की जनता का धन्यवाद किया है और कहा है कि किसान विरोधी भाजपा व जेजेपी सरकार के ख़िलाफ़ अपनी ताक़त दिखाई है।
मोर्चे के अनुसार, अपने आप को किसानी समाज से जुड़ी पार्टी बताने वाली जजपा का किसान विरोधी चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। इस आन्दोलन के चलते इन विधायकों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं बचा है। किसानों ने इन किसान विरोधी चेहरों के खिलाफ संघर्ष के बीज बो दिए हैं व इनकी कटाई भी जल्द होगी। हरियाणा के किसान इन भाजपा व जजपा विधायकों का सामाजिक बहिष्कार करके इस आन्दोलन को तेज करेंगे।
बयान में यह भी कहा गया है कि कुछ वेबसाइट को “SARBLOH RANSOMWARE” नामक सॉफ्टवेयर से किसान आंदोलन संबंधित धमकी भरे संदेश भेजे जा रहे हैं जो कि सयुंक्त किसान मोर्चा या पंजाब के किसान संगठनों से संबंधित नहीं है। किसान आंदोलन के नाम पर इस तरह की हड़ताल के तरीकों का हम समर्थन नहीं करते।
उत्तराखंड में किसान मज़दूर जागृति यात्रा की जा रही है जो दिनेशपुर गुरुद्वारा से चलकर गुरुद्वारा हजूर साहब बढ़ापुर अमरिया पहुंची, जिसमें बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों, चार पहिया गाड़ियों तथा दो पहिया वाहनों ने हिस्सा लिया।
मोर्चे ने ये भी कहा है कि 11 से 15 मार्च में बिहार में किसान यात्राएं निकाली जाएगी जिसका समापन 18 मार्च को सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर पटना में विधानसभा मार्च में होगा जिसमें हज़ारों किसान भाग लेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के जींद जिले के अलेवा में मंगलवार को एक विशाल किसान मजदूर एकता महापंचायत का आयोजन किया। इसे अशोक धवले, जोगिंदर सिंह उग्राहा, सुरेखा, फूल सिंह शोकंद और कई अन्य नेताओं ने संबोधित किया।
बुधवार को ही कलकत्ता में एक विशाल किसान रैली का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य नारा था “नो वोट टू बीजेपी”।
मोर्चे के अनुसार, इस रैली में मंजीत सिंह धनेर, हरनेक सिंह, रमिंदर सिंह पटियाला, सुरेश खोथ, मंजीत सिंह राय, अभिमन्यु कोहर, रंजीत राजू आदि किसान नेताओं ने भाग लिया। इस रैली में 10 हजार से अधिक छात्रों, युवाओं, किसानों, श्रमिकों व जागरूक नागरिको ने भाग लिया।
बुधवार को भिवानी के दुल्हेड़ी में किसान मजदूर महापंचायत आयोजित की गई। पंचायत में सर्वसम्मति से फैसले किये गए कि तीन कृषि कानून, विद्युत व प्रदूषण सम्बधी कानून रद्द किए जाएं व MSP पर कानून बने।
बयान में कहा गया है कि किसान आंदोलन हर मौसम में मजबूत रहा है। पंजाब में पिछली गर्मियों से शुरू हुए इस आन्दोलन ने गहरी सर्दी में भी खुद को जिंदा रखा है। कल टीकरी बॉर्डर पर फिर बारिश हुई। हालांकि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को सुविधाएं प्रदान नहीं की है पर किसानों ने इस आपदा से भी निपटने के पूरे प्रबंध कर लिए हैं।
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