किसान नेताओं पर एनएसए लगाने के फैसले से पीछे हटी पुलिस
हरियाणा के अंबाला ज़िले की पुलिस के फरमान कि ‘वह किसान आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों की संपत्तियों की कुर्की और उनके बैंक अकाउंट को सीज़ करके करेगी,इसके साथ ही किसान नेताओं पर एनएसए के तहत करवाई की जाएगी’ को वापस ले लिया है.
अंबाला पुलिस का कहना है कि उसने एनएसए लगाने के अपने फैसले पर दोबारा विचार किया और तय किया कि इस कानून की धाराएं किसान नेताओं पर नहीं लगायी जाएंगी.
अंबाला रेंज के पुलिस आईजी सिबाश कबिराज ने कहा है, “अंबाला में किसान नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई करने के मामले पर हमने दोबारा विचार किया और तय किया गया है कि इस क़ानून की धाराओं के तहत उन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी.”
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि “हरियाणा पुलिस किसानों से और किसान नेताओं से अपील करती है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें.”
इससे पहले अंबाला पुलिस ने कहा था कि किसान संगठनों के नेताओं और पदाधिकारियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएसए के तहत कार्रवाई की जा रही है.
अंबाला पुलिस का कहना था कि किसान नेताओं और पदाधिकारियों को एनएसए 1980 की धारा 2 (3) के तहत नज़रबंद करने की कार्रवाई की जा रही है.
( बीबीसी कि खबर से साभार)
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