पंजाब में लॉकडाउन के विरोध में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, 11 मई को दिल्ली पहुंचेंगे और किसान
पंजाब के 32 किसान संगठनों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों ने शनिवार को पूरे राज्य में लॉकडाउन लगाने के विरोध में सड़कों पर बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया।
उधर शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा आयोजित हुई थी जिसमें 10 मई को प्रस्तावित राष्ट्रीय कंवेंशन स्थगित करने का फैसला लिया गया है। किसान आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने व समन्वय स्थापित करने के लिए ये कंवेंशन आयोजित की जा रही थी, जिसकी अगली तारीख़ जल्द घोषित की जाएगी।
मोर्चे ने एक बयान जारी कर कहा है कि 11 व 12 मई को पंजाब के किसान बड़ी संख्या में पंजाब हरियाणा के अलग अलग बॉर्डर (शम्भू व खनौरी) पर इक्कठे होंगे व दिल्ली बोर्डर्स पर पहुंचेंगे। साथ ही हरियाणा के किसान भी अलग अलग जगहों से इन जत्थों में शामिल होकर दिल्ली मोर्चो पर पहुचेंगे।
पंजाब की कांग्रेस सरकार ने पूरे राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है जिसका किसान संगठन विरोध कर रहे हैं। किसानों के साथ मज़दूर संगठनों ने भी हाथ मिला लिया और लॉकडाउन तोड़कर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
लुधियाना में कारखाना मज़दूर यूनियन, टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन और लोक एकता संगठन के कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन को हटाने की मांग करते हुए दवा इलाज की समुचित व्यवस्था करने की मांग की।
उधर राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि किसान यूनियनें सरकार पर शर्तें नहीं थोप सकतीं। गौरतलब है कि पंजाब की अमरिंदर सरकार को किसान यूनियनों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा रहा है क्योंकि उसने गेहूं की खरीद के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफ़िट ट्रांसफ़र) का नियम लगा दिया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री किसान यूनियनों से दिल्ली बॉर्डर पर लगे धरने में लोगों की संख्या कम करने की अपील की थी। संयुक्त किसान मोर्चे ने भी इस पर विचार करने का वादा किया था और कोरोना से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया था।
उधर हरियाणा सरकार ने भी पूरे राज्य में लॉकडाउन लगा दिया है, लेकिन उद्योगों में काम लगातार जारी है। हालांकि गुड़गांव धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र की कुछ बड़ी कंपनियों ने 15 मई तक खुद ही शटडाउन की घोषणा कर दी है।
पंजाब की किसान यूनियनें और मज़दूर संगठन ग़रीब, मेहनतकश और असंगठित क्षेत्र की मज़दूर आबादी को लॉकडाउन से होने वाले नुकसान की भरपाई की मांग की है।
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