किसान मोर्चे ने टीकरी बॉर्डर पर खोला कोरोना वैक्सीन सेंटर, सरकार की नाकामी पर जताई नाराज़गी
देश में कोरोना महामारी के दूसरे घातक लहर में विफल होती सरकारी व्यवस्थाओं पर गहरी नाराज़गी जताते हुए संयुक्त किसान मोर्चे ने धरने पर बैठे किसानों के बीच कोरोना से बचाव, इलाज़ और वैक्सीन सेंटर की खुद शुरूआत करने की पहल ली है।
संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि टिकरी बॉर्डर पर किसानों के धरने पर वैक्सीनेशन व अन्य जरूरी सेवाओं के लिए कैम्प लग गया है। रविवार को सिंघु बॉर्डर पर कजारिया टाइल्स पर मास्क आदि भी वितरित किये गए। यहां किसानों को सुरक्षा उपकरण से लेकर दवा इलाज़ की व्यवस्था की गई है।
गौरतलब है कि एक हफ़्ते पहले मोर्चे ने सरकार से कहा था कि सभी बॉर्डर्स पर किसानो के लिए वैक्सीन सेंटर खोले जाएं। यही नहीं मोर्चे ने दिल्ली में समय से ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए अपनी तरफ से बैरिकेडिंग खोलने का भी प्रस्ताव दिया और शनिवार को अपनी ओर से लगाए बैरिकेड खोल भी दिए गए।
मोर्चे ने बयान में कहा है कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री द्वारा यह कहना है कि ऑक्सिजन की कोई कमी नहीं है व ऐसी जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह बहुत निंदनीय व अतार्किक बात बात है। ‘जब निजीकरण के माध्यम से सरकारी तंत्र को सरकार ने फैल कर दिया है व नागरिक सड़कों हस्पतालों में मर रहे है उस वक़्त जनता की आवाज को दबाना चाहते हैं, हम इसकी निंदा व विरोध करते है।’
किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली व देश के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी व अन्य मेडिकल सेवाओं के अभाव में नागरिकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने एक तरफ की सड़क पहले ही खाली की हुई है व रविवार को सफाई भी की।
सोनीपत प्रशासन के साथ हुई बैठक में तय हुआ था कि दिल्ली पुलिस से साथ समन्वय कर जल्द ही पुलिस बैरिकेड हटाएं जायेंगे लेकिन दिल्ली पुलिस के बैरिकेड अभी तक नहीं हटे हैं।
सयुंक्त किसान मोर्चा ने एक ईमेल के माध्यम से औपचारिक निवेदन भी किया है कि सड़क खोली जाए ताकि ऑक्सीजन, एम्बुलेंस व अन्य जरूरी सेवाएं सुचारू रूप से चल सकें।
मोर्चे ने अपने बयान में कहा है कि नंवबर 2020 से देशभर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर तीन खेती कानूनों के खिलाफ व MSP के कानूनी गारंटी के लिए धरना लगाए हुए हैं। किसानों ने हर मौसम में अपने आप को व आंदोलन को मजबूत रखा है।
सरकार व भाजपा की किसान आन्दोलन को बदनाम करने की तमाम कोशिशों के बावजूद बीते 5 महीनों तक लगातार शांतमयी ढंग से विरोध करना किसानों की नैतिक जीत है।
किसानों का मानना है कि उनकी पूर्ण जीत तभी होगी जब तीन खेती कानून रद्द होंगे व उन्हें उनकी फसल के उचित दाम को सुनिश्चित करने वाले MSP की कानूनी गारंटी मिलेगी।
केएमपी एक्सप्रेस वे पर कुंडली व खरखौदा टोल प्लाजा को रविवार को हरियाणा सरकार द्वारा दोबारा टैक्स शुरू करने की कोशिश की गई तो सैंकड़ो की संख्या में पहुँचकर किसानों ने टोल प्लाजा को टैक्स फ्री करवाया।
मोर्चे ने हरियाणा सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक किसान आंदोलन चल रहा है हरियाणा के सभी टोल प्लाजा फ्री रहेंगे व अगर सरकार जबरदस्ती करती है तो भारी विरोध होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा की दिल्ली पुलिस को चिट्ठी
आदरणीय पुलिस उपायुक्त,
आउटर नॉर्थ दिल्ली,
कोरोना महामारी को देखते हुए किसानों ने हरियाणा के कुंडली बॉर्डर के एक रास्ते को ऑक्सिजन, एम्बुलेंस व अन्य जरूरी सेवा के लिए खाली कर दिया है। पुलिस अधीक्षक सोनीपत के साथ तीन दिन पहले हुई बैठक में तय हुआ था कि जरूरी सेवाओ के संचालन के लिए किसानों के धरने से एक तरफ का रास्ता खोला जाएगा। पुलिस अधीक्षक सोनीपत ने यह आश्वासन भी दिया था कि वे दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर सड़क खोलने की कार्रवाई करेंगे परंतु अभी तक सड़क नहीं खुली है।
आपसे निवेदन है कि दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के पेट्रोल पम्प साइड वाले रास्ते से बेरिकेड्स हटवा दे ताकि सभी जरूरी सेवाएं दिल्ली की तरफ सुगमता से चली जाए।
निवेदनकर्ता
संयुक्त किसान मोर्चा
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