हज़ारों किसान अपने गांव से पानी लेकर गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे, सिंघु धरने पर हमला, टीकरी में प्रदर्शन

हज़ारों किसान अपने गांव से पानी लेकर गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे, सिंघु धरने पर हमला, टीकरी में प्रदर्शन

गाज़ीपुर बॉर्डर बीती रात मायूसी और मातम के बीच आने वाले किसानों का सिलसिला शुक्रवार को भी चला।

भारतीय किसान यूनियन टिकैत राष्ट्रीय प्रेस प्रभारी शमशेर राणा ने बताया कि बीते 24 घंटों में सवाल लाख किसान अपने घरों से पानी लेकर बॉर्डर पर पहुंचने लगे हैं।

शुक्रवार को सुबह से ही राजनीतिक व्यक्तियों का तांता लगा रहा, जिनमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया,  जयंत चौधरी, कांग्रेस यूपी कमेटी अध्यक्ष अजय लल्लू, कांग्रेस नेत्री अलका लांबा, दीपेंद्र हुड्डा, योगेंद्र यादव और भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आज़ाद आदि शामिल हुए।

गुरुवार की रात को ही चौधरी अजीत सिंह ने राकेश टिकैत की गिरफ़्तारी और किसानों पर दमन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी जिसके बाद प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के बड़े नेताओं ने सरकार की आलोचना की।

शमशेर राणा ने बताया कि ग़ाज़ियाबाद प्रशासन ने टिकैत समेत अन्य किसान नेताओं की गिरफ्तारी कर आंदोलन खत्म करने के लिए रात 12 बजे का अल्टीमेटम दिया था।

ghazipur border after attack

इस दौरान कथित रूप से लोनी के बीजेपी विधायक पर कुछ गुंडा तत्वों के साथ किसानों पर हमला करने के बाद राकेश टिकैत ने गिरफ़्तारी देने से इनकार कर दिया और वहीं धरने पर बैठ गए।

इसके ठीक बाद नेशनल मीडिया के सामने भावुक हुए राकेश टिकैत की आंख से आंसू निकल गए, जिसके बाद पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों में आक्रोश छा गया।

रात में ही आस पास के किसान गाज़ीपुर बार्डर पहुंचने लगे हालांकि भारी बैरिकेटिंग और पुलिस की रुकावट के कारण बहुत सारे लोगों को कई किलोमीटर पैदल छिपते छिपाते आना पड़ा।

पुलिस ने बुधवार को रात में गाज़ीपुर बॉर्डर की बिजली काट दी थी और पानी की सप्लाई भी बंद कर दी थी। शुक्रवार की रात तक धरना स्थल खाली कराने का आदेश आ गया।

तराई किसान यूनियन के अध्यक्ष तजिंद्र सिंह विर्क ने कहा कि योगी के आदेश से न तो उन्होंने धरना शुरू किया था न वो खत्म करेंगे।

राकेश टिकैत ने रात को आह्वान किया था कि जबतक गांव से लोग पानी लेकर नहीं पहुचेंगे वो पानी नहीं पिएंगे। रात में ही लोग पानी लेकर पहुंचने लगे और शुक्रवार को दिनभर ये सिलसिला चलता रहा।

शुक्रवार को ही मुजफ़्फ़रनगर, सिसौली, शामली और अन्य इलाकों में गांव गांव पंचायत बुलाई गई और किसान आंदोलन पर पुलिसिया अत्याचार की कड़ी निंदा करते हुए दिल्ली बॉर्डर कूच करने का संकल्प लिया गया।

मुजफ़्फरनगर में हुई किसान पंचायत में लाखों किसान शामिल हुए।

राकेश टिकैत ने कहा कि ‘भारतीय जनता पार्टी पूरी तरीके से गुंडागर्दी पर उतर आई है उन्होंने जो कल हमारे साथ किया था आज गाजीपुर बॉर्डर पर शुरू कर दिया है।’

टिकैत ने आरोप लगाया कि ‘गुरुवार की रात गाज़ीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में कुछ गुंडे लेकर भाजपा के लोनी के विधायक नन्द किशोर गुर्जर और साहिबाबाद के बीजेपी विधायक पहुँचे। उनकी प्लानिंग थी के मेरे गिरफ्तार होने के बाद इन किसानों को पीटा जाएगा और ऐसा होना इस किसान बिरादरी के लिए बहुत बुरा दिन होता आने वाले 40 साल तक भी किसान पनप नहीं सकता।’

टिकैत ने कहा, ‘तभी मैंने निर्णय लिया कि नहीं हम गिरफ़तार होंने के लिये नहीं बने। हमने पहले उन गुण्डों को ललकारा और गिरफ्तारी से मना किया। आज जिनकी प्रथम सूचना रिपोर्ट कौशाम्बी थाने में लिखवा दी गई है।’

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Workers Unity Team

One thought on “हज़ारों किसान अपने गांव से पानी लेकर गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे, सिंघु धरने पर हमला, टीकरी में प्रदर्शन

  1. अच्छा और निष्पक्ष पत्रकारिता।
    किसान आंदोलन सही दिशा में है और फासीवाद के खिलाफ अग्रसर है।

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