मुंबई में रिलायंस हेडक्वार्टर पर हज़ारों लोगों का हल्ला बोल, कारपोरेट लूट के ख़िलाफ़ निर्णायक जंग छेड़ने की अपील
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में जनांदोलन संघर्ष समिति ने मुंबई के बांद्रा में रिलायंस के कारपोरेट हेड क्वार्टर के सामने 22 दिसम्बर को एक विशाल धरने का आयोजन किया।
ट्रेड यूनियन एक्टिविस्ट और डब्ल्यूपीसी से जुड़े चंदन कुमार ने बताया कि धरने में तमाम जनसंगठनों के लगभग दस हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर जनसंगठनों के प्रतिनिधियं ने कहा कि किसानों का आंदोलन हर दिन तेज होता जा रहा है और केंद्र सरकार को किसानों की बात मानते हुए तीनों कानूनों को वापस लेना ही होगा।
वक्ताओं ने भारत में कारपोरेट लूट के ख़िलाफ़ एक निर्णायक जंग छेड़ने की अपील करते हुए मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए सारे काले क़ानून वापस लेने की मांग की।
चंदन कुमार ने अपने फे़सबुक पेज पर सभा स्थल की कुछ तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए हैं जिसमें दिखता है कि भारी भीड़ जमा है और अडानी अम्बानी के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) ने अडानी अंबानी के उत्पादों, मॉल्स, पेट्रोल पंपों और टोल नाका का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
पिछले तीन महीने से पंजाब में अडानी अंबानी के ठिकानों पर धरना चल रहा है और अम्बानी की टेलीकॉम कंपनी जियो के बहिष्कार का पूरे देश में आह्वान किया जा रहा है।
बड़े पैमाने पर लोग जियो से अपने मोबाइल कनेक्शन दूसरे सेवा प्रदाता कंपनियों में पोर्ट करा रहे हैं, जिससे बौखलाए जियो ने ट्राई में पिछले दिनों शिकायत भी की थी।
अब अम्बानी के हेडक्वार्टर पर धरना देने से अम्बानी समूह की मुश्किलें बढ़तीं दिखाई दे रही हैं। किसान नेताओं और स्वतंत्र विश्लेषकों का कहना है कि ये पहला आंदोलन है जब कारपोरेट की लूट के ख़िलाफ़ लोग आवाज़ बुलंद कर रहे हैं क्योंकि इस देश की संपदा का अधिकांश हिस्सा इन्हीं के खजाने में जा रहा है जबकि ग़रीब आबादी और ग़रीब होती जा रही है।
उल्लेखनीय है कि इसी लॉकडाउन में जब तमाम मझोले और छोटे उद्योग धंधे बर्बाद हो गए, अडानी अम्बानी की संपत्ति में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई। ये भी आंदोलन का एक मुद्दा बना हुआ है।
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