विद्युत संशोधन विधेयक पारित होने पर आम जनजीवन पर क्या असर होगा, बिंदुवार हिसाब समझें
विद्युत संशोधन विधेयक पर बिजली कर्मचारियों के विरोध को सरकार ने लगभग दबा ही दिया। उनका विरोध निजीकरण से होने वाले नुकसान को लेकर भले हो, लेकिन हकीकत ये है कि इसका व्यापक असर होगा, चाहे वे मजदूर हों या किसान।
कोरोना काल में सभी ने देखा कि कितनी बड़ी संख्या में तो मजदूर ही किराए के मकानों में रहकर गुजारा करते हैं। बिजली का बिल तो उन्हें भी देना होगा और उन लोगों को इस बोझ को उठाना होगा, जो तमाम दुश्वारियों के साथ खेतीबाड़ी करते हैं।
बिजली विभाग से रिटायर्ड अधिशासी अभियंता इंजीनियर दुर्गा प्रसाद का कहना है कि विद्युत संशोधन विधेयक-2020 पारित होने पर प्रति यूनिट दस रुपये का खर्च उठाना होगा। इससे आम लोगों के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। इसकी बिंदुवार गणना की गई है, जिसे सबको समझने की जरूरत है।
1- निजी नलकूप
किसानों के 10 हॉर्स पावर के बिना मीटर लगे (जोकि सामान्य है) निजी नलकूप का बिल प्रति माह वर्तमान में आता है।
1700/- (बिना कैपेसिटर सरचार्ज)
1955/- (कैपेसिटर सरचार्ज सहित)
यदि मीटर लगा हो और सिंचाई हेतु रोजाना दी जा रही 10 घंटे विद्युत आपूर्ति के हिसाब से पूरे समय चलता है तो 10 हॉर्स पावर का प्रति माह वर्तमान में बिल आएगा।
4710/- (बिना कैपेसिटर सरचार्ज) व
5387/- (कैपेसिटर सरचार्ज सहित)
विद्युत संशोधन विधेयक-2020 पारित होने के बाद 10 हॉर्स पावर निजी नलकूप का 10 घंटे रोजाना चलाने पर प्रति माह बिल आयेगा।
23963/- (बिना कैपेसिटर सरचार्ज) व
27410/- (कैपेसिटर सरचार्ज सहित)
विधेयक पारित होने के बाद अतिरिक्त देय धनराशि प्रति माह
22263/- (बिना कैपेसिटर सरचार्ज)
25455/- (कैपेसिटर सरचार्ज सहित)
2- एक किलोवाट लाइफ लाइन कंज्यूमर
1 किलोवाट 100 यूनिट प्रतिमाह खर्च करने वाले बीपीएल/लाइफ लाइन उपभोक्ता का वर्तमान दर से प्रति माह बिल आता है 416 रुपये।
1 किलोवाट, 100 यूनिट प्रतिमाह खर्च करने वाले बीपीएल/लाइफ लाइन उपभोक्ता का विधेयक पारित होने के बाद प्रति माह बिल आएगा 1180 रुपये।
विधेयक पारित होने के बाद अतिरिक्त देय धनराशि प्रति माह 764 रुपये होगी।
3- दो किलोवाट, 250 यूनिट उपभोक्ता
2 किलोवाट, 250 यूनिट प्रतिमाह खर्च करने वाले आम उपभोक्ता का वर्तमान दर से प्रति माह बिल आता है 1131 रुपये।
2 किलोवाट, 250 यूनिट प्रतिमाह खर्च करने वाले आम उपभोक्ता का विधेयक पारित होने के बाद प्रतिमाह बिल आएगा 2907 रुपये।
विधेयक पारित होने के बाद अतिरिक्त देय धनराशि प्रति माह 1776 रुपये।
इंजीनियर दुर्गा प्रसाद ने दो खास बातें और कहीं-
1- विधेयक की धारा 28 व 32 के अनुसार बिजली उत्पादन कंपनियों को बिना पहले पैसा दिए वितरण कम्पनियां बिजली नहीं खरीद पाएंगी जैसा कि आप जानते हैं, धीरे-धीरे बिजली उत्पादन क्षेत्र में प्रधानमंत्री के मित्र कहे जाने वाले गौतम अडानी का कब्जा हो रहा है।
2- नई टैरिफ नीति के अनुसार, जैसा कि डीजल, पेट्रोल के दाम प्रतिदिन बदलते हैं, इसी तरह प्रतिदिन हर घंटे बिजली के रेट अलग-अलग होंगे। क्योंकि पीक आवर्स में बिजली के रेट अधिक होंगे इसलिये उपभोक्ता ज्यादा मंहगी बिजली खरीदने को मजबूर होंगे।
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