भुखमरी से बचने के लिए मजदूर-किसानों ने बेची किडनी, किडनी रैकेट के जाल में फंसे 30 ग्रामीण

भुखमरी से बचने के लिए मजदूर-किसानों ने बेची किडनी, किडनी रैकेट के जाल में फंसे 30 ग्रामीण

पूर्वोत्तर राज्य असम के कुछ इलाकों में रहने वाले लोग अत्यधिक गरीबी की वजह अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। मोरीगांव जिले में दक्षिण धर्मातुल गांव में एक किडनी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है।

इस किडनी रैकेट का खुलासा उस वक्त हुआ जब यहां कुछ लोगों ने एक कथित एजेंट समेत चार लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।

अब तक 30 लोगों ने यहां गरीबी की वजह से अपनी किडनी बेच दी है।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने मीडिया के सामने आकर यह बात कबूल की है कि उन्होंने अपनी किडनी बेच दी है।

इस गांव के ज्यादातर लोग किसान हैं या फिर दैनिक मजदूर और ये सभी कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगने के बाद काफी आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे थे।

कुछ लोगों का कहना है कि लोन चुकाने के लिए उन्होंने अपनी किडनी बेची है। कुछ लोगों ने मीडिया के सामने यह बताया है कि अपने परिवार के सदस्य के इलाज के लिए उन्होंने अपनी किडनी बेची है।

किडनी बेचने वालों में से कुछ लोगों ने मीडिया को बताया कि किडनी रैकेट चलाने वाले लोग उन्हें लेकर कोलकाता लेकर गये थे जहां उनकी सर्जरी की गई थी।

अभी हाल ही में गांव के लोगों ने इस किडनी रैकेट में शामिल एक कथित एजेंट और तीन अन्य लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया है। पुलिस ने इस रैकेट की पुष्टि की है।

(साभार- द न्यू इंडियन एक्सप्रेस)

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Amit Singh

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