गोवा: जब यूनियन लीडर ने पुलिस अफसर को दिखाए तेवर, वीडियो हुआ वायरल
By शशिकला सिंह
गोवा के एक यूनियन लीडर का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें वो धमकाने आए पुलिस अधिकारी को डांटते हुए देखे जा रहे हैं और यूनियन के सदस्यों को एकजुट कर फ़ैक्ट्री के अंदर ले जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारी के आंखों में आंख डालकर पुलिस मुर्दाबाद और प्रबंधन विरोधी नारे लगाने वाले ये यूनियन लीडर हैं, AITUC के क्रिस्टोफर फोंसेका। ये वोडियो 20 जनवरी का है।
यूनियन के गठन के बाद गोवा के वार्ना में स्थित फार्मास्यूटिकल कंपनी LUPIN लिमिटेड ने मज़दूरों का गेट बंद कर दिया था।
इसके विरोध में LUPIN लिमिटेड की नवगठित मज़दूरों सम्बद्ध एटक कर्मचारियों ने बीते 20 जनवरी को गेट मीटिंग आयोजन किया।
दरअसल, LUPIN लिमिटेड के मज़दूरों ने तीन महीने पहले ही यूनियन का गठन किया था, लेकिन प्रबंधन को यह रास नहीं आया और उसने लगभग 6-7 मज़दूरों को जम्मू और औरंगाबाद के लिए ट्रांसफर कर दिया और बाकी मज़दूरों का गेट बंद कर दिया।
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Watch A bold trade union leader in action. Collective has power. Goa union leader viral video pic.twitter.com/AsuJ51ytn9
— sandeep rauzi (@sandeeprauzi) January 31, 2023
धमकाने आई पुलिस हाथ बांधे खड़ी रही
मज़दूरों ने कंपनी गेट के बाहर अपनी बहाली की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
इस दौरान मुंबई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिसका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि AITUC के लीडर क्रिस्टोफर फोंसेका पुलिस अधिकारी से अंग्रेज़ी में कह रहे हैं, “आई एम लीडर, आई एम ए लीडर ऑफ़ एआईटीयूसी.”
इसके बाद फोंसेका ने मज़दूरों से बुलंद आवाज़ में पूछा कि क्या आप लोग यूनियन के मेंबर हो, एक साथ सब कहते हैं, हां। फिर फोंसेका ने पूछा कि क्या आप लोग हंगामा कर रहे हैं तो मज़दूरों ने कहा- नहीं।
इसके बाद पुलिस अफ़सर की आंखों में आंख डाल कर फोंसेका ने मुर्दाबाद के नारे लगाए।
वीडियो में यूनियन लीडर फोंसेका की बहादुरी पर मज़दूर ताली और सीटी बजाते दिखते हैं। पुलिस के मना करने के बावजूद फोंसेका मज़दूरों को फ़ैक्ट्री के अंदर ले जाते हुए दिखते हैं।
वायरल वीडियो में क्रिस्टोफर पुलिस अधिकारियों से यह भी कहते नज़र आर रहे हैं कि आप पहले ऐसे युवा पुलिसवाले हैं जो मज़दूर नेता के साथ ऐसा बर्ताव कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिसवालों को यूनियन की एक्टिविटीज में टांग अड़ाने की कोई ज़रूरत नहीं है।
एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि गोवा में वार्ना के औद्योगिक इलाके में कई कंपनियों में मज़दूरों और प्रबंधन के बीच गंभीर संघर्ष चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फोंसेका ने इस बार नज़ीर पेश की है कि मज़दूरों नेताओं को पुलिस प्रशासन की धमकियों से नहीं डरना चाहिए।
उन्होंने बताया कि क्रिस्टोफर फ़ोंसेका एटक के जाने माने नेता हैं, जो LUPIN फैक्ट्री मज़दूरों को फैक्ट्री के अंदर ले जाने के लिए पुलिसवालों के साथ संघर्ष कर रहे हैं।
दरअसल, एटक लीडर क्रिस्टोफर फोंसेका पिछले 32 सालों से गोवा में ट्रेड यूनियन का नेतृत्व कर रहे हैं।
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पूरा मामला
वर्कर्स यूनिटी को क्रिस्टोफर फोंसेका ने बताया कि गोवा के वार्ना इंड्रस्टियल स्टेट में दर्जनों फार्मास्यूटिकल फैक्ट्रियां हैं जिनमें लगभग 50,000 मज़दूर काम करते हैं। इस इलाके में फैक्ट्री के अंदर बहुत कम मज़दूरों की यूनियने हैं।
उन्होंने कहा, “तीन महीने पहले LUPIN लिमिटेड के मज़दूरों ने यूनियन का गठन किया था। मैनेजमेंट ने लगभग 6-7 मज़दूरों को जम्मू और औरंगाबाद के लिए ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। इसके अलावा मजदूरों को फैक्ट्री के अंदर जाने से मना कर दिया। 20 जनवरी को मज़दूरों और प्रबंधन के बीच गेट मीटिंग का आयोजन किया गया था।”
फिलहाल प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
फोंसेका ने बताया कि LUPIN के मज़दूरों की कई समस्याएं हैं। लेकिन मैनेजमेंट मज़दूरों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकाल रहा है। इसके बाद मज़दूरों ने यूनियन बनाने का फैसला लिया और एटक के साथ जुड़ गए।
उन्होंने बताया कि मज़दूरों ने अपनी मांगों का पत्र कई बारे प्रबंधन को सौंपा हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि फैक्ट्री में मज़दूरों से 10-12 घंटे काम करने का दबाव बनाया जाता है। लेकिन मैनेजमेंट मज़दूरों को ओवरटाइम का भुगतान नहीं करता हैं। इसके अलावा मज़दूरों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।
फोंसेका का आरोप है कि मैनेजमेंट मज़दूरों की समस्यायों को लेकर यूनियन से बात तक करने को राज़ी नहीं है। लेकिन एटक मज़दूरों की इस लड़ाई को तब तक जारी रखेगी जब तक मज़दूरों की इंसाफ नहीं मिल जाता।
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This strike happened in marksans pharma on 4th january.