असंगठित क्षेत्र के भूमिहीन श्रमिकों को 3000 रुपये मासिक पेंशन देगी सरकार, कराना होगा रजिस्ट्रेशन

असंगठित क्षेत्र के भूमिहीन श्रमिकों को 3000 रुपये मासिक पेंशन देगी सरकार, कराना होगा रजिस्ट्रेशन

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली द्वारा संसद में सोमवार को एक प्रश्न का लिखित जबाव देते हुए ये जानकारी दी कि असंगठित क्षेत्र के वैसे भूमिहीन मज़दूर जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है उनको भारत सरकार कि तरफ से 3000 रुपये मासिक पैंशन दी जाएगी. उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए ये योजना शुरू कि गई है.

मालूम हो कि 2019 में भारत सरकार द्वारा प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (पीएम-एसवाईएम) नामक एक पेंशन योजना शुरू की थी.

 

सरकारी पोर्टल या सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) पर जा कर मज़दूर करा सकते है रजिस्ट्रेशन

भूमिहीन कृषि मजदूर सहित श्रमिक इस योजना के लिए या तो maandhan.in पोर्टल के माध्यम से स्व-पंजीकरण या किसी भी सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) पर जाकर मुफ्त में पंजीकरण कर सकते हैं.देश भर में 5 लाख से अधिक सीएससी हैं जहाँ जाकर मज़दूर अपना रजिस्ट्रशन करा सकते हैं.

अपने लिखित जबाव में योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक स्वैच्छिक और सह-अंशदायी पेंशन योजना है.
18-40 वर्ष के आयु वर्ग के श्रमिक जिनकी मासिक आय 15000 रुपये या उससे कम है और जो ईपीएफओ / ईएसआईसी / एनपीएस (सरकार द्वारा वित्त पोषित) के सदस्य नहीं हैं भी , इस योजना में शामिल हो सकते हैं.

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कृषि गतिविधियों में महिला श्रमिकों की संख्या ज्यादा है पुरुषों की तुलना में

इस योजना के तहत लाभार्थी द्वारा देय राशि योजना का लाभ उठाने के समय उनकी प्रवेश आयु के आधार पर मासिक योगदान का 50% , 55 रुपये से 200 रुपये के बीच होगा और केंद्र सरकार द्वारा समान योगदान का भुगतान किया जायेगा. भारतीय जीवन बीमा निगम इस योजना का फंड मैनेजर है.

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट के अनुसार कुल 46.5% व्यक्ति कृषि गतिविधि में लगे हुए हैं. इस 46.5 फीसदी का 39.8 प्रतिशत पुरुष जबकि 62.2 प्रतिशत महिलाएं है.

आगे अपने लिखित जबाव में मंत्री ने बताते है कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अंतर्गत अपने-अपने क्षेत्राधिकार में कृषि सहित अन्य नियोजनों में कार्यरत कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण, समीक्षा और संशोधन करने के लिए जिम्मेदार होतीं है. इसलिए न्यूनतम मजदूरी की दरें एक सरकार से दूसरी सरकार में भिन्न-भिन्न होती हैं.

(श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर)

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Abhinav Kumar

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