गुड़गांव में नाबालिक घरेलू कामगार से दरिंदगीः गर्म चिमटे से मारते थे, ब्लेड से मुंह और जीभ को काटा
गुड़गांव में नाबालिक घरेलू कामगार के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार करने का एक मामला सामने आया है।
झारखंड की रहने वाली 14 साल की नाबालिक लड़की को एक दंपति ने पांच महीने से अधिक समय तक बेरहमी से पीटा, यौन उत्पीड़न किया, ब्लेड और गर्म धातु से भी दागा।
घटना सामने आने केबाद कंपनियों ने घिनौना अपराध करने वाले दंपत्ति को नौकरी से निकाल दिया है।
एक सामाजिक कार्यकर्ता के ट्वीट और फ़ोन से पुलिस को इस बात की जानकारी मिली। जिसके बाद बीते मंगलवार को स्थानीय पुलिस ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती करा दिया है। साथ ही दो आरोपियों की गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी दम्पति ने नाबालिक को घर में कैद करके रखा था, यहां तक कि उसको अपने परिवार वालों से भी संपर्क नहीं करने दे रहे थे।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आरोपियों की पहचान मनीष खट्टर और उनकी पत्नी कमलजीत कौर के रूप में हुई है। न्यू कॉलोनी में रहने वाले दोनों जानी मानी प्राईवेट कंपनी में काम करते हैं और लड़की को घरेलू कामगार के तौर पर रखा था।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में बीजेपी की हरियाणा खट्टर सरकार से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
https://twitter.com/A_Yagya_sanlI/status/1623333413741551617
हाथ और होठों पर ब्लेड से काटने के निशान
पीड़िता ने पुलिस के एक अधिकारी को बताया कि उसे डंडे, रस्सी और लोहे के गर्म चिमटे से मारा जाता था। आरोपी मनीष खट्टर और उनकी पत्नी ने नाबालिक के हाथ और होठों पर ब्लेड से काटने के निशान भी बनाए।
नाबालिक ने पुलिस को यह भी बताया कि “अक्सर, वह ड्राइंग रूम में फर्श पर बिना कपड़ों के सो जाती थी। क्योंकि दम्पति ने उसके सभी कपड़ों को फाड़ दिया था।”
पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उनके गुप्तांगों पर भी डंडों से वार किया। एक बार उन्होंने गला घोंटने की कोशिश की और जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिक के मुताबिक उसके चाचा उसे आरोपी के घर लाए थे और कुछ महीने तक कोई मारपीट नहीं की गयी। लेकिन फिर मामूली बातों के लिए थप्पड़ मारना शुरू कर दिया।
नाबालिक का आरोप है कि मालिकों ने एक पैसे का भुगतान नहीं किया, बल्कि जो 1000 रुपए वो गांव से साथ आई थी, उसे भी छीन लिया।
पुलिस ने नाबालिक को इलाज के लिए नज़दीकी अस्पताल में भर्ती करवाया है। उनका इलाज कर रहे मेडिकल स्टाफ के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल पीड़िता की हालत में सुधार है। उसने थोड़ा खाना खाया। होठों के पास कट लगने के कारण खाने में थोड़ी परेशानी हुई।
दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता दीपिका नारायण भारद्वाज ने नाबालिक कि फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर डाल कर मदद करने की अपील की। इसको लेकर दीपिका ने कुछ पुलिस अधिकारीयों से भी बात की।
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I just met the girl. Short of words. She's shared with me unimaginable horror. Blades, sticks, hot tongue – i don't think anything was left in assaulting this child. All this for – not finishing work on time. She wasn't paid a single penny for months of work @KanoongoPriyank pic.twitter.com/gUo7DRGwUI
— Deepika Narayan Bhardwaj (@DeepikaBhardwaj) February 7, 2023
पति पत्नी को कंपनी ने नौकरी से निकाला
घर की मालकिन कमलजीत कौर मैक्स लाइफ़ के पीआर विभाग में काम करती थी। घटना के सामने आने के बाद उसे काम से कंपनी ने निकाल दिया है।
उधर उसका पति मनीष खट्टर मैक्स लाइफ़ में काम करता था, उसे भी कंपनी ने नौकरी से तत्काल निकाल दिया है।
जब पुलिस उनके घर पर पहुंचे तो दोनों हाथ जोड़कर रोने लगे और कहने लगे कि उनकी साढ़े तीन साल की बच्ची अनाथ हो जाएगी।
We are shocked to learn about the human rights and child abuse allegations against Kamaljeet Kaur. As an organization, we respect the Indian legal system and are strictly against any form of human rights abuse. The company has terminated her services with immediate effect.
— Media Mantra (@mediamantrapr) February 8, 2023
पड़ोसी ने ख़बर की
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दीपिका ने उन्हें मंगलवार को फोन पर बताया कि उन्होंने एक नाबालिक को देखा, जो पड़ोस में कचरा फेंकने आई थी और उसने देखा कि उसके चेहरे पर खून के धब्बे के साथ कई कट और चोट के निशान थे। इसके बाद उन्होंने वन-स्टॉप सेंटर के एक अधिकारी से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी।
पुलिस की एक टीम मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे दम्पति के घर पहुंची। नाबालिक को अपने साथ ले आई और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
गौरतलब है कि देश में घरेलू कामगारों पर होने वाले अत्याचारों ने मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मज़दूर अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसके पीछे घरेलू कामगारों के लिए कोई ठोस कानून व्यवस्था न होना एक बड़ा कारण हैं।
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