बेलसोनिका यूनियन का पंजीकरण रद्द, क्या फिर भी बनी रहेगी यूनियन की मान्यता?
मानेसर में मारुति के कंपोनेंट बनाने वाली कंपनी बेलसोनिका में मज़दूर यूनियन को रद्द कर दिया गया है।
एक ठेका वर्कर को यूनियन का सदस्य बनाए जाने पर मैनेजमेंट की ओर से दायर की गई शिकायत के बाद चंडीगढ़ में हरियाणा के श्रम विभाग ने यूनियन की मान्यता रद्द की।
बेलसोनिका यूनियन ने अपने बयान में कहा है कि हरियाणा सरकार के ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार चंडीगढ ने शनिवार को छुट्टी के दिन अपना कार्यालय खोल कर हमारी यूनियन के पंजीकरण को रद्द किया।
यूनियन का कहना है कि जबकि इस मामले को लेकर यूनियन की सदस्यता से सस्पेंड ठेका वर्कर तथा यूनियन दोनों के अलग अलग केस में माननीय उच्च न्यायालय चंडीगढ से प्रबंधन व श्रम विभाग को नोटिस भेजे जा चुके हैं।
ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने प्रबंधन के पत्र के बाद ही यूनियन के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की थी और हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब देने की जगह पर यूनियन के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया गया।
यूनियन ने कहा है कि श्रम विभाग ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह प्रबंधकों के इशारों पर काम करते हैं और इसके लिए वह कानून से परे जाकर भी प्रबंधन की सेवा में लीन हैं।
बयान के अनुसार, ‘प्रबंधन व यूनियन के बीच पिछले ढाई साल से संघर्ष चला हुआ है। प्रबंधन चाहता है कि बड़ी संख्या में स्थाई व पुराने ठेका श्रमिकों की छंटनी की जा सके। प्रबंधन हमारी संख्या को कम करना चाहता है और यूनियन अपनी संख्या को बढ़ाना चाहती है। यूनियन प्रबंधन की छंटनी के खिलाफ एकता व ईमानदारी के साथ संघर्ष को आगे बढ़ा रही है।’
यूनियन के नेताओं ने कहा कि ‘अगर श्रम विभाग गैर कानूनी तरीके से यूनियन का पंजीकरण रद्द कर सकता है तो हम मजदूर इस चुनौती को अपनी फौलादी एकता से मुंह तोड़ जवाब देंगे। अगर कागजी कार्रवाई को प्रबंधन और प्रशासन ने मख़ौल में तब्दील कर दिया है तब हम मजदूर संकल्प लेते हैं कि हम अपनी एकता को मुकम्मल करेंगे और मजबूत करेंगे।’
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क्या पड़ेगा फर्क?
यूनियन ने कहा है कि ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 में पंजीकृत व अपंजीकृत दोनों प्रकार की यूनियनों को मान्यता देने की बात लिखी हुई हैं। भारत के संविधान में पंजीकृत व अपंजीकृत दोनों तरह के संगठनों को स्वीकार किया गया है और अपंजीकृत संगठनों को भी संवैधानिक मान्यता प्राप्त है।
यूनियन ने कहा है कि ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार चंडीगढ़ ने यूनियन का पंजीकरण रद्द किया है, यूनियन को रद्द नहीं किया है। पंजीकरण के लिए यूनियन कानूनी तौर पर सभी आवश्यक कारवाइयां कर रही है।
यूनियन ने अपने संदेश में बेलसोनिका मजदूरों से धैर्य बनाए रखने के लिए कहा. साथ ही संदेश दिया कि ‘साथियों यूनियन पंजीकरण भी हमने संघर्ष से ही हासिल किया था और इसको दोबारा भी संघर्ष से हासिल करेंगे। सभी साथी प्रबंधन व श्रम विभाग के प्रति अपने गुस्से को संजोकर रखें। किसी भी तरह की अफवाह में ना आए व भड़काऊ कार्यवाही से बचे। हम एक स्वर में अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।’
यूनियन ने सभी मजदूर यूनियनों, मजदूर संगठनों , ट्रेड यूनियनों, किसान संगठनों, छात्र संगठनों, महिला संगठनों व न्यायप्रिय जनता से अपील की है कि बेलसोनिका यूनियन के संघर्ष के साथ खड़े हों।
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हरियाणा सरकार के कदम की निंदा
मज़दूर सहयोग केंद्र ने एक बयान जारी कर बेलसोनिका यूनियन के पंजीकरण को रद्द करने की घोषणा को ‘मज़दूर आंदोलन पर चल रहे मालिक और सरकार की साझी साज़िश का शर्मनाक उदाहरण’ बताया है।
बयान के अनुसार, ठेका मज़दूरों को यूनियन की सदस्यता देने के आधार पर यूनियन का पंजीकरण रद्द करने का यह कदम यूनियन बनाने और चलाने के मज़दूरों के मूलभूत अधिकार पर हमला है।
‘यह साफ़ है कि यह कार्यवाही पिछले 2.5 सालों से मज़दूरों के छँटनी के ख़िलाफ़ चलाये जा रहे संघर्ष को तोड़ने के लिए बेलसोनिका प्रबंधन के इशारों पर की गई है।’
बयान में एमएसके ने कहा, “बेलसोनिका यूनियन लगातार मज़दूर हितों के पक्ष में अपनी कंपनी व देश के व्यापक मज़दूर आंदोलन में एक सक्रिय और संघर्षशील ताक़त बन कर खड़ा रह है। मज़दूरों की इसी ताक़त को तोड़ने के लिए प्रबंधन ने श्रम विभाग का सहारा ले कर यह प्रहार किया है। मज़दूर सहयोग केंद्र इस आघात की घड़ी में मज़बूती से बेलसोनिका यूनियन के साथ खड़ा है और खड़ा रहेगा।”
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