बिहार के बक्सर में अधिग्रहित ज़मीन मामले में 1000 किसानों ने पॉवर प्लांट घेरा, पुलिस के साथ भिड़ंत

बिहार के बक्सर में अधिग्रहित ज़मीन मामले में 1000 किसानों ने पॉवर प्लांट घेरा, पुलिस के साथ भिड़ंत

बिहार के बक्सर में ज़मीन अधिग्रहण को लेकर हज़ारों किसानों की पुलिस प्रशासन से भिड़ंत हो गई है। मंगलवार को बिहार सरार के पावर प्लांट का घेराव करने पहुंचे ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया, जिसके बाद लोगों को गुस्सा भड़क गया।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की जीप को आग के हवाले कर दिया और मारपीट कर रहे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एसजेवीएन थर्मल पॉवर प्लांट में बिना मुआवज़ा दिए काम किया जा रहा है और खड़ी फसल के बीच पाइप लाइन बिछाई जा रही है।

प्रभात खबर के अनुसार, यहां एक रेल कोरिडोर भी बनाया जा रहा है लेकिन ज़मीन का कोई विधिवत अधिग्रहण या मुआवज़ा नहीं दिया गया है।

एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस घरों में घुस घुस कर लोगों से मारपीट कर रही है। वीडियो में घर की महिलाएं खुद को बचाने की कोशिश करती नज़र आ रही हैं।

https://twitter.com/Golden_0786/status/1613124020513247232

प्रदर्शन की वजह से पॉवर प्लांट बंद करना पड़ा है।

बक्सर में चौसा नामक स्थान है। ये वही जगह है जहां सन् 1539 में मुग़ल सम्राट हुमायूँ और शेर शाह सूरी के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें हुमायूं को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा था।

यहां बिहार सरकार ने एक पॉवर प्लांट के लिए अधिग्रहण किया। इसमें 1000 किसानों की ज़मीन गई। अब जब सरकार मुआवज़ा दे रही है तो 2013 के समय के दर के हिसाब से।

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किसान अपनी ज़मीन औने पौने दाम में देने को तैयार नहीं हैं और इसे लेकर प्रशासन और किसानों में लंबे समय से तनाव चल रहा है।
किसान आरोप लगा रहे हैं कि पहले सरकार उनकी मांगों पर गौर करने के लिए तैयार थी और इसे लेकर दोनों पक्षों में कई दौर की बातचीत भी हुई लेकिन इसके बाद नीतीश सरकार ने ग्रामीणों से बात करना भी बंद कर दिया।

उधर मौका देखकर बीजेपी ने बयानबाज़ी शुरू कर दी है। राज्य के बीजेपी नेता अश्विनी चौब ने ट्वीट कर कहा है कि बक्सर में किसानों के घर में घुसकर पुलिस ने जो गुंडागर्दी की है, यह घोर निंदनीय है। क्या किसान अपराधी थे, वारंटी थे, जो रात में उनके घर में घुस कर मारपीट की गई। महिलाओं के साथ गाली गलौज और अमानवीय व्यवहार किया गया। महागठबंधन की सरकार किसान विरोधी है।

एक ट्विटर यूज़र ने अश्विनी चौबे पर सवाल उठाते हुए उत्तर दिया है, “आपने क्या किया, प्लांट मे लोगो की सैलरी नही मिलती मजदूरों को 3 महीने तक, आपको भी ईमेल किया गया था सांसद महोदय जी।”

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क्या है पूरा मामला

बक्सर में चौसा के बनारपुर गांव में केंद्र सरकार ने थर्मल पॉवर प्लांट का निर्माण किया है और इसके लिए अधिग्रहित की गई ज़मीन के मुआवज़े का भुगतान साल 2013 की दर पर किया गया है।

इससे ग्रामीणों में आक्रोष था और दो महीने से उचित मुआवज़ा दिए जाने का आंदोलन चल रहा था।

लेकिन सरकार ने मुआवज़े की बात को वहीं छोड़कर अतिरिक्त रूप से पॉवर प्लांट के लिए ज़रूरी पानी आपूर्ति पाइप लाइन और कई किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाना शुरू कर दिया।

इसे लेकर किसानों ने मंगलवार को प्लांट पर ताला जड़ दिया और काम रोक दिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पाइप लाइन और रेलवे लाइन के लिए अतिरिक्त रूप से 250 एकड़ ज़मीन अधिग्रहित की जानी है। लेकिन बिना किसी सूचना के इस पर काम शुरू करा दिया गया।

अब पुलिस घर घर छापेमारी कर किसानों को गिरफ़्तार कर रही है।

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WU Team

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