दिल्ली में मजदूरों के लिए बढ़ी मजदूरी, सरकार ने किया न्यूनतम वेतन में इजाफा
दिल्ली सरकार ने हाल ही में कुशल और अकुशल मज़दूरों के न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने के दो दिन बाद, आतिशी ने बुधवार को यह बड़ा कदम उठाया, जिससे हजारों मज़दूरों को लाभ मिलेगा।
नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी। यह वृद्धि उन मज़दूरों के लिए एक राहत है, जो महंगाई और बढ़ते जीवनयापन के खर्चों के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी
इस वृद्धि के बाद अकुशल मज़दूरों का मासिक वेतन 16,506 रुपये से बढ़कर 18,066 रुपये हो गया है।
इसी प्रकार, अर्ध-कुशल मज़दूरों के वेतन को 19,279 रुपये से बढ़ाकर 19,929 रुपये किया गया है।
कुशल मज़दूरों का वेतन भी 21,215 रुपये से बढ़ाकर 21,917 रुपये कर दिया गया है।
इसके अलावा, सरकार ने पर्यवेक्षक और लिपिक कर्मचारियों जैसे मैट्रिकुलेट, गैर-मैट्रिकुलेट और स्नातक श्रेणियों के लिए भी न्यूनतम वेतन बढ़ा दिया है।
पिछली वृद्धि और देरी का कारण
दिल्ली में न्यूनतम वेतन में अंतिम बार 2019 में संशोधन किया गया था, और उसके बाद से महंगाई भत्ते को हर छह महीने में संशोधित किया जा रहा है।
हालांकि, इस साल अप्रैल में होने वाली वृद्धि में देरी हुई, जिसका कारण पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जेल में होना और लोकसभा चुनावों की तैयारी बताई गई।
सरकारी अधिकारी के अनुसार, “पिछले अक्टूबर में डीए में संशोधन किया गया था, और इसे अप्रैल 2024 में फिर से संशोधित किया जाना था। लेकिन प्रशासनिक कारणों और चुनावी व्यस्तताओं के कारण इसमें देरी हुई।”
दिल्ली का न्यूनतम वेतन देश में सबसे ऊंचा
मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में, आतिशी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में देश का सबसे ऊंचा न्यूनतम वेतन है।
उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार ने एक बार फिर न्यूनतम वेतन बढ़ाने का फैसला किया है। दिल्ली में न्यूनतम वेतन पूरे देश में सबसे अधिक है, जबकि भाजपा शासित राज्यों में यह आधे से भी कम है।”
भाजपा पर ‘गरीब विरोधी’ होने का आरोप
आतिशी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने हमेशा गरीबों के खिलाफ काम किया है।
उन्होंने कहा, “जब 2016-17 में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने न्यूनतम वेतन बढ़ाने की कोशिश की थी, तो भाजपा ने इसे रोकने के लिए उपराज्यपाल का इस्तेमाल किया। लेकिन हम अदालत गए और हमने साल में दो बार वेतन में वृद्धि की।”
वेतन वृद्धि से पहले की स्थिति
आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने से पहले, दिल्ली में अकुशल मज़दूरों का न्यूनतम वेतन केवल 7,722 रुपये था।
अर्ध-कुशल मज़दूरों का वेतन 8,528 रुपये और कुशल श्रमिकों का वेतन सिर्फ 9,388 रुपये था।
उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में दिल्ली सरकार ने आम लोगों को एक बेहतर और सम्मानजनक जीवन देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।”
आतिशी ने यह भी कहा कि आने वाले चार महीनों में भी दिल्ली सरकार इसी तरह मज़दूरों और गरीबों के हित में काम करती रहेगी।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का लक्ष्य सभी लोगों को एक सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है, और इसके लिए हम लगातार प्रयासरत रहेंगे।”
( इंडियन एक्सप्रेस की खबर से साभार )
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