दिल्ली नगर निगम के 3500 DBC कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, स्थाई काम की कर रहे हैं मांग
अपनी मांगों को लेकर दिल्ली नगर निगम (MCD) के 3500 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (DBC) कर्मचारी बीते एक नवंबर से सिविक सेंटर के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। हड़ताल का आज तीसरा दिन है। कर्मचारियों की मांग है कि सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए।
DBC के कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 27 सालों से बिना पद के काम करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि कर्मचारियों ने पहले भी बहुत बार अपनी मांगों का पत्र निगम के अधिकारीयों को सौंपा था। लेकिन हमारी मांगों पर कोई अधिकारी बात करने को राजी नहीं है।
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DBC के कमरचरियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे मानी नहीं जायेंगे वह हड़ताल को जारी रखेंगे।
पहले भी हो चुकी हैं हड़ताल
9 जनवरी 2022 को निगम द्वारा एक जारी आदेश में सभी डीवीसी कर्मचारियों को एमटीएस का पद दिए जाने का आदेश दिया गया था। कर्मचारियों का कहना है कि 9 महीने बीत जाने के बाद आज तक अभी हमको यह पद नहीं दिया गया। जिसके चलते सभी डीबीसी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला लिया।
यह साल में दूसरी बार है जब DBC के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। इससे पहले फरवरी के महीने में भी कर्मचारियों ने हड़ताल की थी। जिसके बाद निगम ने कर्मचारियों की मांगे पुरी करने का आश्वासन दिया था।
जिसके बाद हड़ताल को ख़त्म कर दिया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक DBC कर्मचारी बीते कई सालों से अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिया हड़ताल करते हैं जिसको हर बाद झूठे आश्वासन के बाद ख़त्म करवा दिया जाता है।
‘आप’ ने किया था नियमित करने का वादा
गौरतलब है कि दिल्ली में केवल DBC के कर्मचारी ही नहीं MCD , दिल्ली जल बार्ड (DJB ) और अन्य विभागों के कर्मचारी लगातार नियमित करने की मांग कर रहे हैं।
‘आप’ ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इन कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का वादा किया था।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (AICCTU) ने आरोप लगाया है कि “आप नेताओं ने सत्ता में आने से पहले दिल्ली में सभी ठेका कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन उन्होंने अभी तक इसे पूरा नहीं किया है।
उनका कहना है इस मुद्दे पर यूनियन के साथ ठेका कर्मचारियों ने भी अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”
(शशिकला सिंह द्वारा संपादित)
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