पत्रकारों पर छापेमारीः पत्रकार संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को चिट्ठी लिख की दखल की अपील
न्यूज़ क्लिक और इससे जुड़े पत्रकारों पर व्यापक छापेमारी के मामले में मीडिया से जुड़े संगठनों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर दख़ल देने की अपील की है।
बुधवार को दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में बड़े पैमाने पर पत्रकारों का जुटान हुआ और जिस तरह से न्यूज़ क्लिक के एडिटन इन चीफ़ पर आतंकवादी गतिविधि के तहत यूएपीए लगाकर गिरफ़्तारी की गई और दर्जनों पत्रकारों के घरों पर मंगलवार को सुबह छह बजे छापेमारी की गई, उसके ख़िलाफ़ आक्रोश व्यक्त किया गया।
प्रेस क्लब पत्रकारों से खचाखचा भरा था। इस दौरान नागरिक समाज के मानिंद लोग भी शामिल हुए जिसमें जाने माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा और योगेंद्र यादव भी शामिल थे।
पत्रकारों के दर्जनों संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को चिट्ठी लिख कर इस तरह पत्रकारों के फ़ोन, लैपटाप जब्त करने पर दिशा निर्देश बनाने की मांग की।
इस चिट्ठी में प्रधान न्यायाधीश से मीडिया के दमन के लिए जांच एजेंसियों के इस्तेमाल को रोकने के लिए क़दम उठाने की अपील की है।
संगठनों ने लिखा है कि “पिछले चौसीब घंटों में जो घटनाक्रम हुआ है उसने हमारे पास आपकी अंतारात्मा से संज्ञान लेने की और हस्तक्षेप करने की अपील करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है।”
ये लोकतंत्र के एक स्तंभ की दूसरे स्तंभ से अपने अस्तित्व को बचाने की अपील है।
पत्रकारों पर आतंकी धाराओं में मुकदमा- भयावह
चिट्ठी में न्यायपालिका से संविधान में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा के मूल अधिकार को बनाये रखने का आग्रह किया है।
चिट्ठी के अनुसार, “आज सच्चाई यह है कि भारत में पत्रकारों का एक बड़ा वर्ग प्रतिशोध के ख़तरे के तहत काम कर रहा है।”
इस चिट्ठी में न्यूज़ क्लिक के ख़िलाफ़ कार्रवाई में आतंकवादी धाराओं वाले यूएपीए क़ानून के इस्तेमाल का मुद्दा भी उठाया गया है और इसे डरावना कहा गया है।
पत्रकार संगठनों ने तर्क दिया है कि पत्रकारिता करने पर ‘आतंकवादी’ के रूप में मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता है।
हाल के सालों में मीडिया पर हुई कार्रवाइयों का हवाला देते हुए ये भी कहा गया है कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल पत्रकारिता पर अंकुश लगाने के लिए किया जा रहा है।
इस पत्र में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के मामले का भी हवाला दिया गया है। सिद्दीक़ कप्पन को उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की घटना की रिपोर्टिंग करने के लिए जाते हुए गिरफ़्तार किया गया था और उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। कप्पन को ज़मानत मिलने में दो साल का वक़्त लग गया।
Journalists bodies across the country write to the Chief Justice of India D.Y. Chandrachud, seeking his intervention over attack on media. #FreeThePress pic.twitter.com/ExFAM4Et7v
— Press Club of India (@PCITweets) October 4, 2023
लैपटॉप फ़ोन ज़ब्त करने का विरोध
दिल्ली पुलिस ने पत्रकारों के लैपटॉप और मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। सुप्रीम कोर्ट से पत्रकारों से उपकरण ज़ब्त करने के लिए नियम निर्धारित करने की अपील भी की गई है।
साथ ही पत्रकारों से किस तरह पूछताछ की जानी चाहिए इसके लिए दिशानिर्देश तय करने की अपील भी की गई है।
इस पत्र में मीडिया संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट से क़ानून के दायरे से बाहर जाकर काम करने वाले और अदालत को गुमराह करने वाले जांच एजेंसियों के अधिकारियों की ज़िम्मेदारी को तय करने का रास्ता निकालने की अपील भी की है।
पत्र को डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन, इंडियन वुमेन प्रेस कॉर्प्स, फाउंडेशन ऑफ मीडिया प्रोफेशनल्स, नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स, नेटवर्क ऑफ वीमेन इन मीडिया, चंडीगढ़ प्रेस क्लब, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स, बृहन्मुंबई यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, फ्री स्पीच कलेक्टिव मुंबई, मुंबई प्रेस क्लब, अरुणाचल प्रदेश यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स, प्रेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया और गुवाहाटी प्रेस क्लब जैसे मीडिया संगठनों ने समर्थन दिया है।
प्रबीर पुरकायस्थ सात दिन के पुलिस रिमांड पर
चीन से फ़ंडिंग के मामले में न्यूज़क्लिक के फ़ाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
इन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज है।
पुलिस ने सोमवार को 30 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की और इस संबंध में कई पत्रकार से पूछताछ की।
समाचार एजेंसी पीटीआई की ख़बर के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि दोनों को एक अदालत में पेश किया गया जिसने इन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया।
Media persons turned up in large number at the Press Club of India to protest against multiple raids on a number of journalists associated with #Newsclick #FreeThePress pic.twitter.com/8KFrTB8tYO
— Press Club of India (@PCITweets) October 4, 2023
मंगलवार को पुलिस ने न्यूज़क्लिक का ऑफ़िस भी सील कर दिया। अधिकारियों ने पहले बताया था कि 46 ‘संदिग्धों’ से पूछताछ की गई और जांच के लिए लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन लिए गए हैं।
इस मामले में उर्मिलेश, अभिसार शर्मा, परंजय गुहा ठाकुरता, सोहेल हाशमी, संजय राजौरा, औनिंद्यो चक्रवर्ती समेत कई पत्रकारों से पूछताछ की। करीब छह घंटे तक चली पूछताछ के बाद पुलिस ने इन सभी को जाने दिया।
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