केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को मिली जमानत, लखनऊ की जेल से आये बाहर
केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को आज लखनऊ की जले से रिहा कर दिया गया है। दरअसल, सिद्दीकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 24 दिसंबर को जमानत का फैसला सुनाया था। कोर्ट द्वारा दी गई इस राहत के बाद सिद्दीकी कप्पन 2 साल बाद जेल से बाहर आये हैं।
लाइव लॉ से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ की सत्र अदालत ने 1 फरवरी को जमानत स्वीकार कर उन्हें जमानत पर रिहा करने के आदेश पर हस्ताक्षर किये।
A Sessions Court in Lucknow today signed orders to release Kerala Journalist Siddiqui Kappan on Bail. The Court accepted his bail bonds and he is likely to walk out of jail by evening today.
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जेल से बाहर आते समय सिद्दीकी ने एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें दो साल बाद जेल से बाहर आ कर अच्छा लग रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट का फैसला आने में काफी लम्बा समय लग गया।
हालांकि सिद्दीकी की पत्नी रिहान सिद्दीकी ने इलाहाबाद कोर्ट के फैसले के बाद कहा था कि वो जब तक अपने पति को अपनी आँखों से नहीं देख लेंगी उनको भरोषा नहीं होगा की उनके पति कप्पन को जमानत दे दी गयी हैं।
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क्यों हुई थी गिरफ़्तारी
दरअसल, लखनऊ के रहने वाले कप्पन केरल में एक पत्रकार के तौर पर काम करते हैं। सिद्दीकी कप्पन पर हवाले से धन प्राप्त करने और उस धन को विदेश में निवेश करने के साथ अन्य आरोपों में यूपी पुलिस ने हाथरस ने 31 अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था।
इसके अलावा पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया PFI से जुड़े अन्य 8 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। जिस समय कप्पन की गिरफ़्तारी की गयी थी उस समय उसके साथ PFI का भी एक सदस्य था।
गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस की विशेष जांच दल में तैनात अधिकारी (SIT) ने सिद्दीकी कप्पन के खिलाफ 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी।
पुलिस का कहना था कि कप्पन कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े हैं। साथ ही उनके ऊपर यहाँ भी आरोप लगाया गया था कप्पन ने हाथरस में दंगे फैलाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
वहीं कप्पन का कहना था कि हाथरस में युवती के साथ हुए गैंगरेप-मर्डर के बाद घटनास्थल पर मामले को कवर करने जा रहे थे।
कप्पन आईपीसी की धारा 153ए , 295ए, 124ए , 120बी यूएपीए के तहत जेल में बंद थे।
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