लखानी मज़दूरों का आक्रोश मार्च: श्रम अदालत के आदेश के बाद भी ढाई साल से ग्रेचुटी भुगतान लंबित
फ़रीदाबाद स्थित लखानी फुट वेयर फ़रीदाबाद द्वारा, मज़दूरों की ढाई साल से लंबित ग्रेचुटी रक़म के भुगतान संबंधी श्रम अदालत के आदेश का अनुपालन कराने में फ़रीदाबाद प्रशासन की नाकामी से गुस्साए लखानी में काम कर चुके मज़दूरों ने, उप-आयुक्त कार्यालय, लघु सचिवालय पर ज़ोरदार आक्रोश मार्च निकाला, मुख्य द्वार पर सभा की तथा उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा.
मालूम हो की लखानी, अदालत का हुक्म मानने को तैयार नहीं, और प्रशासन आदेश को लागू नहीं करा पाया. जबकि ग्रेचुटी का भुगतान 30 दिन के अंदर होना जरूरी है.
26 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से ही, ‘क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा’ तथा ‘लखानी मज़दूर संघर्ष समिति’ के संयुक्त बैनरों तले, लाल झंडे, बैनर व तख्तियां लिए, मज़दूर जिनमें लगभग आधी महिलाऐं थीं, राजस्थान सेवा सदन के सामने वाले नुक्कड़ पर इकट्ठे होने शुरू हो गए थे.
‘श्रम अदालत का आदेश लागू कराने में नाकाम, फ़रीदाबाद प्रशासन शर्म करो’, ‘क़ानून की नज़र में सब बराबर हैं, यह भी एक जुमला है’, ‘अदालत का हुक्म मज़दूरों के हित में हो, तो वह लागू नहीं होता; ये कैसा इंसाफ़ है’, ‘अदालतों से भी न्याय नहीं, मज़दूर इंसाफ़ के लिए कहां जाएँ?’, ‘सारा शासन तंत्र मालिकों के लिए ही क्यों काम करता है?’, ‘प्रशासन मज़दूरों पर गुर्राता है, मालिकों के आगे बिछ जाता है’, ‘सबको घर, सबको काम; वर्ना होगी नींद हराम’; मज़दूर इन नारों से लिखे पोस्टर अपने बदन पर चिपकाए हुए थे तथा क्रांतिकारी नारों की तख्तियां लिए हुए थे.
सभा को नरेश, सत्यवीर सिंह, अशोक, चंदन तथा सीमा देवी ने संबोधित किया.
वक्ताओं ने कहा कि सहायक श्रमायुक्त, फ़रीदाबाद की अदालत ने, दिनांक 10.05.2023 को, लखानी फुट वेयर प्रा लि, 266, सेक्टर 24, फ़रीदाबाद, को आदेश दिया था कि वे अपने मज़दूरों, रजनीश तथा भूपेन्द्र को, 9 जून 2021 से लंबित, उनकी ग्रेचुटी की रक़म का भुगतान, उसी तारीख से 9% ब्याज की दर से तत्काल करें.
लखानी कंपनी ने, उक्त आदेश के विरुद्ध, ना कोई अपील की और ना आज तक भुगतान ही किया है. ज़िला वसूली अधिकारी तथा जिला कलेक्टर द्वारा वसूली के आदेश ज़ारी हुए, 4 महीने हो गए. उपायुक्त, जिला वसूली अधिकारी, तहसीलदार से मिलकर भी वसूली की अपील की जा चुकी हैं। सम्बंधित, गौच्छी नायब तहसीलदार से भी अनेक आश्वासन मिले लेकिन वसूली नहीं हुई.
‘लखानी मज़दूर संघर्ष समिति’ ने, जब 20 अक्टूबर को, तहसीलदार से मिलने के बाद, आंदोलन करने की घोषणा की, तब गौछी नायब तहसीलदार ने, लखानी की कंपनी में वसूली के नोटिस भेजे. 10 मई के आदेश की वसूली के आदेश भेजने में, वसूली विभाग ने, पूरे 5 महीने का वक़्त लिया.
डी सी के संज्ञान में लाया गया कि फ़रीदाबाद में श्रम क़ानूनों का अनुपालन नहीं हो रहा है. कारखाना मालिकों द्वारा, मज़दूरों का शोषण-उत्पीड़न चरम पर है. ‘इस्तीफे लिख दो, आपका सारा भुगतान हो जाएगा’, कह कर लखानी ने, इन मज़दूरों से इस्तीफे लिए और 2 साल तक भुगतान नहीं किया.
न्याय पाने के लिए, ग़रीब मज़दूर, जो मात्र 10,000 रु में, पूरे परिवार का, पूरे महीने का खर्च चलाने को मज़बूर हैं, श्रम अदालत गए. लखानी, अदालत का हुक्म मानने को तैयार नहीं, और प्रशासन आदेश को लागू नहीं करा पाया. ग्रेचुटी का भुगतान 30 दिन के अंदर करना होता है. इसीलिए, कम्पनी एक्ट के अनुसार, लखानी फुटवेयर प्रा लि को, उसके लिए, प्रावधान करना चाहिए था, जो उसने नहीं किया, लेकिन विभाग भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहा.
मज़दूरों की मांग:
★ माननीय श्रम अदालत के फैसले को तुरंत लागू कराया जाए, जिससे क़र्ज़ में डूबे मज़दूरों को न्याय मिल सके. भुगतान में देरी के लिए, कंपनी मालिक तथा संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध समुचित कार्यवाही की जाए.
★ श्रम अदालत के आदेशानुसार, मज़दूरों की ग्रेचुटी का पैसा 10 दिन में उनके खातों में जमा ना होने की स्थिति में, फ़रीदाबाद के दूसरे कारखानों के मज़दूरों को शामिल करते हुए, आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा.
(मेहनतकश की खबर से साभार )
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