मध्यप्रदेश: सरकारी अस्पतालों के 13,000 डॉक्टर बेमियादी हड़ताल पर गए
मध्यप्रदेश के करीब 13 हजार सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसमें तहसील स्तर के करीब 300 पब्लिक हेल्थ सेंटर्स के साथ-साथ 600 गांवों के हेल्थ सेंटर्स के डॉक्टर भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ की ओर से इस हड़ताल का आह्वान किया गया है। इस हड़ताल से पूर्व चिकित्सक महासंघ ने प्रदेश सरकार को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा था। लेकिन, मांगे पूरी नहीं होने पर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।
यूनियन की मांग है कि डॉक्टर्स को काम करने के लिए उचित वातावरण मिले और प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी रुके। उच्चतम पदों पर चिकित्सकीय संवर्ग के अधिकारियों की पदस्थापना हो। समस्त विभागों में कार्यरत चिकित्सकों के लिए डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोगेशन (DACP) के आदेश जारी हो। सभी चिकित्सकीय संवर्ग के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करें। डॉक्टर्स की पदोन्नति प्रमुख रूप से शामिल है।
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फ्री प्रेस जर्नल से मिली जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारी डॉ. नवीन मेहर ने कहा कि डॉक्टर्स को विपरीत परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया गया है। अस्पतालों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल एजुकेशन विभाग दोनों के डॉक्टर्स एक साथ हड़ताल पर हैं। इन्हीं मांगों को लेकर बीते गुरुवार, 16 फरवरी को प्रदेशभर के 49 जिला अस्पताल, 13 मेडिकल कॉलेज और भोपाल गैस राहत अस्पताल के डॉक्टर्स ने सुबह 10 से 12 बजे तक दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की।
इसके अलावा उन्होंने हाथ पर काली पट्टी बांधकर काम किया। हड़ताल के दौरान ओपीडी, इनडोर, वार्ड राउंड इत्यादि तथा इमरजेंसी सेवाएं भी बाधित रही।
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