महाराष्ट्र: ख़बर छपने के 24 घंटे के अंदर पत्रकार की हत्या, गिरफ़्तार ज़मींदार आंबेकर का है खूनी अतीत
महाराष्ट्र में पत्रकार शशिकांत वारिशे की मौत के मामले में पुलिस ने पंढरीनाथ आंबेरकर नामक जमींदार को गिरफ्तार कर 14 फ़रवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि रत्नागिरी जिले में बीती 6 फरवरी को एक एसयूवी कार से टक्कर के बाद शशिकांत बुरी तरह घायल हो हए थे। जिसके बाद 7 फरवरी को अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी। इसके बाद मज़दूर संगठनों ने इस घटना को हत्या बताया था।
इंडियन एक्सप्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक, थार चला रहे व्यक्ति का नाम पंढरीनाथ आंबेरकर है। रत्नागिरी पुलिस ने उसे संदिग्ध आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया। बाद में उसे 7 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
आंबरेकर के खिलाफ पहले IPC की धारा-304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज हुआ। बाद में पुलिस ने धारा-320 (हत्या) का मामला भी जोड़ दिया।
आम्बेकर पर पहले भी एक सामाजिक कार्यकर्ता पर गाड़ी चढ़ाने का मामला दर्ज है, जिसमें वो ज़मानत पर बाहर था। सामाजिक कार्यकर्ता बच गया था।
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क्या था मामला
दरअसल, शशिकांत वारिशे ‘महानगरी टाइम्स’ अखबार के लिए काम कर रहे थे। घटना वाले दिन उनकी एक रिपोर्ट अखबार में छपी थी। जिसका शीर्षक था- “बैनर पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के साथ गंभीर अपराधों के आरोपी की फोटो, रिफाइनरी विरोधी किसानों का आरोपी।” इसमें अपराधी पंढरीनाथ आंबेरकर को बताया गया था।
उसी दिन दोपहर करीब सवा एक बजे राजापुर इलाके में शशिकांत की स्कूटी को टक्कर मारी गई। उन्हें इलाज के लिए कोल्हापुर रेफर किया गया, लेकिन 7 फरवरी की सुबह उनकी मौत हो गई।
सोमवार को वारिसे राजापुर राजमार्ग पर एक पेट्रोल पंप के पास खड़े था, जब अंबरकर ने कथित तौर पर उसे अपनी एसयूवी से कुचल दिया। गाड़ी रुकने से पहले वारिश को पहियों के नीचे कई मीटर तक घसीटती चली गई।
पुलिस ने कहा कि जब स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़े, तो अंबरकर मौके से भाग गया और वारिशे सड़क पर बेहोशी की हालत में पड़ा था। उसे इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई।
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रत्नागिरी के पुलिस अधीक्षक धनंजय कुलकर्णी का कहना है कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे 14 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
मीडिया संगठनों का कहना है कि आंबेरकर एक जमीन कारोबारी है। उसने जानबूझकर शशिकांत को टक्कर मारी। रिफाइनरी का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों को धमकाने के आरोप में आंबेरकर के खिलाफ पहले से एक केस दर्ज है।
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