मध्य प्रदेश: मैहर माता मंदिर से मुसलमान कर्मचारियों को हटाने का निर्देश
मध्य प्रदेश के धार्मिक न्यास सतना ज़िले के प्रसिद्ध मैहर माता मंदिर में काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने का निर्देश दिया है.
मैहर माता मंदिर में तीन मुसलमान कर्मचारी काम करते हैं. मंदिर प्रबंध समिति के नियमों के अनुसार, कर्मचारियों की नियुक्ति में धर्म को आधार बनाए जाने का प्रावधान नहीं है.
ये आदेश दूसरी बार दिया गया है. पहली बार 17 जनवरी को एक पत्र सतना कलेक्टर को भेजा गया था और उनसे इस मामले में परीक्षण करके रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था.
इसके साथ ही शहर में मांस और मदिरा की बिक्री भी बंद करने को लेकर पत्र लिखा गया है.
इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर धर्मस्व विभाग की उपसचिव पुष्पा कुलेश ने मंगलवार को एक बार फिर पत्र भेजकर 3 दिन में प्रतिवेदन भेजने को कहा है.
सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर टिप्पणी कर रहे हैं.
मैहर की शारदा माता को प्रतिष्ठित किया संगीत सम्राट उस्ताद अलाउद्दीन ख़ान ने। पर अब @ChouhanShivraj उर्फ़ मामा की सरकार इस मंदिर से मुस्लिम सदस्यों और कर्मचारियों को हटा रही है। इतने वर्षों से किसी भी सरकार ने ऐसा घृणित काम नहीं किया। मज़े की बात कि सैयद बाबा की मज़ार को हिंदू ही… pic.twitter.com/EKsrk0ewFN
— Deependra Raja Pandey (@drpaandey) April 19, 2023
विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के नेताओं ने मैहर से मांस-मदिरा की दुकानें बाहर करने और मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की मांग की थी.
इसके लिए उन्होंने प्रदेश की संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ऊषा सिंह ठाकुर को एक ज्ञापन भी दिया था.
इसके बाद ऊषा ठाकुर ने अपर मुख्य सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को पत्र लिख कर इस पर कारवाई करने के निर्देश दिए थे.
इस पर अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश कुमार राजौरा का कहना है कि इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया गया है.
वहीं सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने पत्रकारों को बताया है कि पत्र मिला है और उसका परीक्षण करा कर नियमनुसार कार्रवाई की जाएगी.
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