मानेसर: नए लेबर कोड्स और पूंजीवाद के विरोध में बेलसोनिका यूनियन की मज़दूर किसान पंचायत

मानेसर: नए लेबर कोड्स और पूंजीवाद के विरोध में बेलसोनिका यूनियन की मज़दूर किसान पंचायत

मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों और पूंजीवाद के खिलाफ आज हरियाणा के आईएमटी मानेसर स्थित बेलसोनिका कंपनी की बेलसोनिका मज़दूर यूनियन ने मज़दूर किसान पंचायत का आयोजन किया है।

यह पंचायत  सुबह 10 बजे से गुड़गांव डी.सी. कार्यालय के सामने सयुक्त किसान मोर्चा धरना स्थल पर शाम 3 बजे तक की जाएगी।

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रिपोर्ट लिखे जाने तक मिली जानकारी के मुतबिक पंचायत स्थल पर भारतीय किसान यूनियन उग्राह के नेता जोगिंदर सिंह उग्राह अपने साथी किसान नेताओं के साथ उपस्थित है। साथ ही गुड़गांव और उत्तरखंड से मज़दूर संगठनों ने मज़दूर किसान पंचायत में अपनी भागीदारी देने शुरू कर दी है।

जिसमें कपारो मज़दूर यूनियन के मज़दूर, मुंजाल शो वाँ यूनियन के मज़दूर, उत्तरखंड से इंटरार्क मज़दूर यूनियन के मज़दूर, आइसन के मज़दूर और हिताची के ठेका मज़दूर शामिल हुए हैं।

बेलसोनिका यूनियन के सचिव अजीत सिंह ने मज़दूर किसान पंचातय के मकसद का जिक्र करते हुए वर्कर्स यूनिटी को बताया कि मोदी सरकार द्वारा लाये गए मज़दूर विरोधी चार लेबर कोड्स तो तत्काल रद्द करने की मांगा है।

उन्होंने कहा कि “अभी तक नए लेबर को लागू भी नहीं किया गया है, लेकिन प्रबंधन ने मज़दूरों की छंटनी करनी शुरू कर दी है। प्रबंधन ने पुराने मज़दूरों को निकाल कर नए ठेका मज़दूर, नए नीम ट्रेनीज की भारी संख्या में भर्तियां शुरू कर दी गयी हैं। इससे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि प्रबंधन मज़दूर यूनियनों को खत्म करने की क़बायत तेज कर चूका है साथ ही स्थाई काम पर स्थाई रोज़गार की नीतियों को खत्म कर के ठेका और सस्ते मज़दूरों को काम पर लेने चाहता है।”

आगे अजीत ने मज़दूर किसान पंचायत के मतलब को समझते हुए कहा कि वर्तमान में पूंजीवादी और कोर्पोर्टेस की नीतियों का शिकार केवल मज़दूर ही नहीं किसान भी हैं। उन्होंने कहा कि जब दोनों का दुश्मन सांझा है, तो लड़ाई भी सांझी बनती है। क्योंकि दुनिया में दो ही उद्पादक शक्तियां हैं मज़दूर और किसान। इसलिए अब समय आगया है कि दोनों को एकजुट हो कर संघर्ष करने की जरुरत है।

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बेलसोनिका मज़दूर यूनियन ने किसान मज़दूर पंचातय से उम्मीद जताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि मज़दूरों और किसानों को एक सयुक्त मंच तैयार करना चाहिए और राष्ट्रीय स्तर पर नए लेबर कोड्स और पूंजीवाद का विरोध किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि बेलसोनिका मज़दूर यूनियन ने पिछले साल 14 नवंबर की ऐसी ही मज़दूर किसान पंचायत का आयोजन किया था, जिसमें भारी संख्या में मज़दूर शामिल हुए थे।

बेलसोनिका यूनियन पिछले कई दिनों से इस पंचायत की तैयारियों में लगा था। यूनियन ने इस संबंधन में जानकारी का प्रचार प्रसार करते करते हुए पर्चा वितरण, आमंत्रण पत्र और फेसबुक लाइव के माध्यम के मज़दूर और किसान संगठनों के साथ साथ मज़दूरों को कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया था।

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WU Team

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