मानेसर में मारुति मज़दूरों का संघर्ष जारी, 10 अक्टूबर से भूख हड़ताल का ऐलान

मानेसर में मारुति मज़दूरों का संघर्ष जारी, 10 अक्टूबर से भूख हड़ताल का ऐलान

मारुति मानेसर प्लांट के मज़दूर जो 2012 से अपने अधिकारों और नौकरी की बहाली के लिए संघर्षरत हैं, ने अपने आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है।

18 सितंबर 2024 से मानेसर तहसील पर धरना शुरू करने के बाद, मज़दूरों ने धरना स्थल पर ‘मजदूर सभा’ का आयोजन किया, जिसमें हरियाणा और अन्य राज्यों से लगभग 300 बर्खास्त कर्मचारी और उनके परिवार शामिल हुए।

विरोध प्रदर्शन में दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के विभिन्न मज़दूर संगठनों और यूनियनों ने भी अपनी एकजुटता दिखाई।

संघर्ष का नेतृत्व कर रहे ख़ुशीराम और सतीश ने सभा का संचालन किया, जिसमें मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन के तहत संघर्षरत मज़दूरों की वर्तमान स्थिति और आगामी कदमों पर चर्चा की गई।

सभा में मारुति के पूर्व कर्मचारियों के अलावा, डाइकिन यूनियन, बेलसोनिका यूनियन और क्रांतिकारी मजदूर मोर्चा फ़रीदाबाद जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और मारुति मज़दूरों के साथ अपने समर्थन की घोषणा की।

वक्ताओं ने 2011 से चल रहे मज़दूरों के संघर्ष, मानेसर प्लांट में यूनियन के खिलाफ प्रबंधन की साजिश और मज़दूरों पर हुए दमन की घटनाओं पर प्रकाश डाला।

18 जुलाई 2012 की हिंसा और उसके बाद मज़दूरों की बर्खास्तगी और जेल भेजे जाने की घटनाओं का भी जिक्र किया गया।

इस घटना के बाद 148 मजदूरों को जेल भेजा गया था, जिनमें से कुछ को 5 साल जेल में बिताने के बाद बरी किया गया।

हालांकि, 12 यूनियन नेताओं सहित 13 मज़दूरों को अब भी आजीवन कारावास की सजा दी गई है, जिसके खिलाफ विरोध जारी है।

धरने के दौरान मज़दूरों ने घोषणा की कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे 10 अक्टूबर 2024 से भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

मज़दूरों ने स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा और उनकी नौकरी वापस नहीं की जाएगी, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।

धरना स्थल पर उपस्थित मज़दूरों और उनके परिवारों ने अपने दुख और आक्रोश को व्यक्त किया, साथ ही न्याय पाने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता भी दोहराई।

मारुति मज़दूरों के परिवारों ने भी सभा को संबोधित किया, जिसमें परवेश और रेनू ने भावुक होकर बताया कि किस तरह से इस संघर्ष ने उनके जीवन को प्रभावित किया है।

सभा के अंत में, मज़दूरों ने एकजुट होकर नारे लगाए और आगामी रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया।

वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि यह केवल मारुति के श्रमिकों का संघर्ष नहीं है, बल्कि पूरे देश के मजदूर वर्ग के अधिकारों और उनकी सुरक्षा का सवाल है।

https://i0.wp.com/www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/04/Line.jpg?resize=735%2C5&ssl=1

https://i0.wp.com/www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/04/Line.jpg?resize=735%2C5&ssl=1

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें

Abhinav Kumar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.