प्रवासी मज़दूर को धक्का देकर मार डाला, छह महीने बाद भी मालिक पर केस नहीं दर्ज हुआ, गुरुग्राम में प्रदर्शन
प्रवासी मजदूर उमेश राम की हत्या के मामले को लेकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) और श्रमिक संगठन – ऐक्टू ने किया गुरुग्राम पुलिस आयुक्त दफ्तर पर प्रदर्शन
झारखंड के गिरिडीह जिला निवासी उमेश राम की हत्या के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के मांग को लेकर शुक्रवार को गुरुग्राम पुलिस आयुक्त के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया।
गौरतलब है कि मामले के छः महीने बाद भी पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है। प्रदर्शन में भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने हिस्सा लिया और अपनी बात रखी।
गुरुग्राम पुलिस आयुक्त को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की ओर से ज्ञापन भी सौंपा गया।
प्रदर्शन में मौजूद लोगों ने इस बात को जोर देकर कहा कि गुरुग्राम में मजदूरों की हालत बहुत खराब है। आए दिन मालिको द्वारा मजदूरों को प्रताड़ित किया जाता है परंतु सरकार कुछ भी करने को तैयार नहीं है।
मृतक उमेश राम झारखंड के गिरिडीह जिले के रहने वाले थे और अपने परिवार के एक मात्र कमाने वाले व्यक्ति थे। मालिक द्वारा वेतन के भुगतान नहीं किए जाने के कारण पहले से ही परेशान उमेश राम की मालिक द्वारा पांच मंजिल से धक्का दिए जाने के कारण मौत हो गई।
यह घटना फरवरी माह की है परंतु पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
ऐक्टू नेता व अधिवक्ता सूर्य प्रकाश ने कहा कि पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार पक्षपातपूर्ण और दुखद है। उन्होंने आगे बताया कि मामले में न्याय नहीं मिलने की सूरत में आगे और बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
लॉकडाउन के दौरान जिस दिल्ली–एनसीआर से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल ही घरों की ओर कूच करने को मजबूर हो गए थे, आज भी वहां मजदूर मूलभूत अधिकारों से वंचित हैं। हाल ही में नूह–सोहना में हुए मुस्लिम विरोधी हिंसा के चलते भी कई प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौटने के लिए मजबूर हो गए हैं। ऐसे में मृतक उमेश राम के साथ हुई घटना और पुलिस की उदासीनता, साफ तौर पर हरियाणा सरकार के मजदूर–विरोधी रवैये को दर्शाती है। यह बहुत दुख की बात है कि जहां एक ओर देश की आजादी का अमृतमहोत्सव मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मेहनतकश आवाम बदहाली–बेनामी में जीने के लिए मजबूर है।
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