बेलसोनिका में गैरकानूनी छंटनी के ख़िलाफ़ मारुति सुजुकी मजदूर संघ का जुलूस, मैनेजमेंट की मनमानी से आक्रोश

बेलसोनिका में गैरकानूनी छंटनी के ख़िलाफ़ मारुति सुजुकी मजदूर संघ का जुलूस, मैनेजमेंट की मनमानी से आक्रोश

शुक्रवार को मारुति सुजुकी मजदूर संघ ने जुलूस निकाल कर बेलसोनिका प्रबंधन द्वारा मजदूरों के निलंबन व बर्खास्त करने की बदस्तूर जारी प्रक्रिया के खिलाफ उपायुक्त गुरुग्राम को ज्ञापन दिया।

इस जुलूस में बेलसोनिका के परिजनों ने भी हिस्सा लिया। बता दें कि अबतक मैनेजमेंट ने कुल 30 वर्करों को या तो बर्ख़ास्त कर या निलंबित कर फ़ैक्ट्री के बाहर कर दिया है।

जुलूस के बाद हुई सभा में मजदूरों व प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि बेलसोनिका फैक्ट्री प्रबंधन ने श्रमिकों की छिपी छँटनी करने की योजना बनाई है। फर्जी दस्तावेजों के नाम पर 10-15 साल से कार्य कर रहे श्रमिकों को नौकरी से निकाल रही हैं। बेलसोनिका, सनबीम, लूमैक्स प्रबंधन श्रमिकों को फर्जी बताकर नौकरी से निकाल चुके और निकाल रहे हैं।

बेलसोनिका के मज़दूर पिछले 2 वर्ष से प्रबंधन की इसी छुपी छँटनी के शिकार बन रहे हैं जिसके खिलाफ जारी संघर्ष में बेलसोनिका प्रबंधन लगभग 17 मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त कर चुका है तथा 13 श्रमिकों को निलंबित कर चुका है।

बेलसोनिका फैक्ट्री में बड़ी संख्या में बाउंसरों के रूप में अराजक तत्व व पुलिस तैनात हैं। फैक्ट्री में बड़ी संख्या में ठेका मजदूरों को भर्ती कर मुख्य उत्पादन का काम करवाया जा रहा है जो कि गैरकानूनी है। श्रम अधिकारी व अतिरिक्त उपायुक्त की समझौता वार्ता के दौरान दिए गए शांति तथा यथास्थिति के निर्देशों की बेलसोनिका प्रबंधन खुली अवहेलना कर रहा है।

21 मार्च को उपायुक्त व श्रम अधिकारी द्वारा बेलसोनिका प्रबंधन से स्थाई श्रमिकों की भर्ती का मापदंड, नोटिफिकेशन के दस्तावेज, ठेका मज़दूरों की सूची आदि मांगे गए थे लेकिन कोई भी विवरण अबतक प्रबंधन ने नहीं दिया है।

वक्ताओं ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2012 में मारुति सुजुकी मानेसर के मजदूरों ने यूनियन बनाने के अधिकार को हासिल करने के लिए संघर्ष किया था। उन मजदूरों ने मारुति फैक्ट्री के अंदर गैर कानूनी ठेका प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई थी। मजदूरों की उस आवाज को मारुति प्रबंधन व शासन प्रशासन ने मिलकर दबा दिया और 18 जुलाई 2012 की शर्मनाक घटना को अंजाम दिया था। इस बहाने उसने 556 स्थाई और लगभग 2500 अस्थाई मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। 13 यूनियन प्रतिनिधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उक्त घटना के 11 साल बाद भी मजदूर अपनी नौकरी पाने के लिए लगातार संघर्षरत हैं और न्याय की उम्मीद कमजोर होती जा रही है।

प्रदर्शन में बेलसोनिका यूनियन के मजदूर, उनके परिवार की महिलाएं-बच्चे तथा मारुति सुज़ुकी मजदूर संघ से जुड़ी अन्य यूनियनें तथा क्षेत्र की तमाम यूनियनें और मजदूर संगठन शामिल रहे।

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क्या है मामला

बेलसोनिका यूनियन के महासचिव ने बताया कि बेलसोनिका प्रबंधन ने फर्जी दस्तावेजों का हवाला देकर 10-15 सालों से कार्य कर रहे श्रमिकों को नौकरी से बर्खास्त कर रहा है। अब तक प्रबंधन ने हमारे 17 मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है तथा 13 मजदूरों को नौकरी से निलंबित कर दिया है।

अतिरिक्त उपायुक्त महोदय व श्रम अधिकारी की मध्यस्था में चल रही समझौता/समाधान वार्ताओं के दौरान समझौता अधिकारियों के लिखित शांति व यथास्थिति के आदेशों/निर्देशों की उलंघना कर प्रबंधन अशांति व उकसावे पूर्ण कार्रवाहियां कर श्रमिकों को नौकरी से बर्खास्त कर रहा है।

बेलसोनिका प्रबंधन ठेका श्रमिकों को मशीनों पर लगाकर मुख्य उत्पादन का कार्य करवा रहा है। जो कि श्रम कानूनों में अनुचित श्रम अभ्यास की कार्रवाही बनती है जो कि श्रम विभाग नहीं कर रहा है।

बेलसोनिका के परिजनों की तरफ से यूनियन के प्रधान मोहिंदर कपूर की पत्नी ने बात रखते हुए कहा कि प्रबंधन श्रमकों को बर्खास्त कर परिवारों में तनाव व भय का माहौल पैदा कर रहा है। बर्खास्त श्रमिकों के परिवारों के हालात काफी खराब हो चुके है। हम इसको बर्दास्त नहीं करेंगे।

इसी प्रकार मारुति के बर्खास्त 546 श्रमिकों का मामला आज 11 साल बाद भी न्यायालय में लंबित है। आज तक भी इन श्रमिकों को न्याय नहीं मिला है।

अंत में यूनियन के प्रधान ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि यूनियन अब कठोर निर्णय लेगी। प्रबंधन की इस तानाशाही के खिलाफ कड़े से कड़े कदम उठाएगी।

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क्या हैं मांगें?

1. बेलसोनिका के सभी निलंबित व बर्खास्त श्रमिकों को तत्काल काम पर वापसी लिया जाए।
2. फ़र्ज़ी दस्तवेज के नाम पर छिपी छंटनी बन्द की जाए। अनुचित श्रम अभ्यास कर रहे बेलसोनिका प्रबंधक के खिलाफ़ सख़्त कानून कारवाई कर मुकदमा दर्ज किया जाए।
3. मारुति से बर्खास्त किए गए 546 श्रमिकों को काम पर वापसी लिया जाए।
4. बेलसोनिका कम्पनी में तैनात सभी बाऊंसरों व अराजक तत्वों को तत्काल बाहर किया जाए।
5. बेलसोनिका कम्पनी में गैर कानूनी भर्ती पर रोक लगाई जाए।
6. बेलसोनिका में लम्बित सभी सामूहिक मांग पत्रों का समाधान किया जाए।

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Workers Unity Team

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