अब महाराष्ट्र में भी बहाल होगी ओल्ड पेंशन स्कीम !
महाराष्ट्र में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल सोमवार, 20 मार्च को खत्म हो गई है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन बहाली का आश्वासन दिया है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में 18 लाख सरकारी कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग को लेकर बीते 14 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी।
हड़ताली संघ समन्वय समिति के संयोजक विश्वास कटकर ने कहा कि राज्य सरकार ओपीएस को वापस लाने के मुद्दे पर विचार करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है, जिसे 2005 में बंद कर दिया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विश्वास काटकर ने घोषणा की है कि राज्य सरकार से सफल चर्चा के बाद हड़ताल को वापस ले लिया गया है।
सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल की अहम बैठक हुई।
काटकर ने दावा किया कि इस बैठक में सरकार ने उनकी मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई और राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू किये जाने की बात भी कही है।
काटकर ने यह भी कहा कि सरकार ने ऐसा लिखित आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री इस संबंध में विधानसभा में बयान देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि हड़ताल खत्म होने के बाद कर्मचारी से आज से काम पर आएंगे।
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OPS के फायदे
काटकर का यह भी दावा है कि ओल्ड पेंशन और नई पेंशन स्कीम में से ओल्ड पेंशन स्कीम ज्यादा फायदेमंद है।
दरअसल, ओल्ड पेंशन स्कीम में रिटायर्ड कर्मचारी को पेंशन की पूरी रकम सरकार देती थी। ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन जीवनभर सरकार की ओर से दी जाती है। इसके अलावा उन्हें साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है। पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके आश्रितों को भी पेंशन देने का ओपीएस में प्रावधान था।
इसके अलावा पेंशन कमीशन लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का भी फायदा रिटायर कर्मचारी को मिलता है। 80 साल की उम्र पूरी होने पर उसकी पेंशन में भी 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाती है। वहीं 100 साल की उम्र पूरी होने पर पेंशन दोगुनी हो जाती है।
काटकर ने कहा कि इसलिए सरकार ने इस तरह का रुख अपनाते हुए हमें लिखित में बयान दिया है कि अगर इस गैप को खत्म कर पुरानी-नई पेंशन अभी से आ भी जाए तो सभी को एक जैसी पेंशन दी जाएगी, इसमें कोई गैप नहीं होगा।
हालांकि, 1 अप्रैल 2004 को एनडीए ने ओपीएस स्कीम को बंद कर दिया था और इसकी जगह नई पेंशन योजना (NPS) लागू की थी, जिसके तहत सरकारी कर्मचारी को मूल वेतन का 10 फीसदी हिस्सा देना होता है और राज्य सरकार इसमें केवल 14 फीसदी का योगदान देती है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली कर अपना चुनावी वादा पूरा किया है।
इससे पहले छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान की सरकारों ने अपने राज्यों में ओपीएस को लागू किया था, छत्तीसगढ़ ओपीएस को लागू करने वाला पहला राज्य है। पंजाब में भी ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल किया गया है।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश में वाईएसआर जगन मोहन रेड्डी ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर एक नया मॉडल पेश किया है। अब इसको लेकर केंद्र सरकार भी विचार करने लगी है।
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