बिट्टू बजरंगी को नूंह की लोकल कोर्ट ने दी जमानत, रिहा होने के बाद फूल मालाओं से स्वागत
जेल में बंद नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी उर्फ़ राजकुमार को जमानत मिल गई है.
जमानत मिलने के बाद बिट्टू बजरंगी को 30 अगस्त की देर शाम रिहा कर दिया गया.
रिहा किए जाने के बाद कट्टर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उसे फूल मालाओं से लाद दिया. बिट्टू बजरंगी ने जेल से छूटते ही और भड़काऊ और नफरती भाषण दिये हैं।
मालूम हो कि उसे 15 अगस्त की शाम फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था. आरोप है की बिट्टू बजरंगी ने नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर कई भड़काऊ पोस्ट किये थे, जिसके बाद हिंसा भड़क गई जिसमें लगभग 6 लोग मारे गए थे.
As expected the SHS has garlanded #BittuBajrangi and gave him a grand welcome on being released from jail.
Though the court in his bail ordered him not to make any statement on social media but he looks more aggressive this time.#NuhViolence https://t.co/bCRBXdavtg pic.twitter.com/XkW4kNGNes— Mister J. – مسٹر جے (@Angryman_J) August 30, 2023
बिट्टू बजरंगी को नूंह की अतिरिक्त सेशन कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी. फरीदाबाद के नीमका जेल में आरोपी को 15 अगस्त को बंद किया गया था. उसे देर शाम को रिहा भी कर दिया गया.
बताते चलें की 31 जुलाई को ब्रज मंडल यात्रा के दौरान नूंह हिंसा में सदर थाने में केस दर्ज हुआ था, इसमें बिट्टू को मुख्य आरोपी बनाया गया था. उस पर सरकारी काम में बढ़ा डालने समेत लूट जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
इससे पहले एलएन पाराशर ने जमानत याचिका 25 अगस्त को लगाई थी, लेकिन सुनवाई से पहले वापस ले ली थी.
बुधवार को फरीदाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर बिट्टू की पैरवी करने नूंह पहुंचे.
अतिरिक्त सेशन जज संदीप दुग्गल की अदालत में दोनों पक्षों के वकीलों ने जमानत पर दलीलें दीं. इसके बाद अतिरिक्त सेशन जज ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए.
क्या है मामला
बताते चलें की 31 जुलाई को ब्रज मंडल यात्रा के दौरान नूंह हिंसा में सदर थाने में केस दर्ज हुआ था, इसमें बिट्टू को मुख्य आरोपी बनाया गया था. उस पर सरकारी काम में बढ़ा डालने समेत लूट जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
पुलिस के मुताबिक, ब्रजमंडल यात्रा से पहले बिट्टू ने कई भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर डाले थे. इस मामले में डबुआ थाने में केस दर्ज हुआ था. हालांकि उसे जमानत पर छोड़ दिया गया था.
तीन जुलाई को धौज इलाके में धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में पुलिस ने सात नामजद सहित करीब 40 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था.
इसके बाद बिटटू ने फेसबुक पर लाइव आकर दूसरे समुदाय के लिए भड़काऊ बातें कही थीं. इसके बाद सारन थाना पुलिस ने एक और केस दर्ज किया था. इससे पहले मुजेसर थाना पुलिस ने भी इन्हीं धाराओं में केस दर्ज किया था.
बिट्टू 30 साल पहले ओखला, दिल्ली में रहकर सब्जी बेचता था. फरीदाबाद आने के बाद भी कुछ सालों तक उसने सब्जी बेची व ऑटो चलाया. इस दौरान धार्मिक व राजनीतिक कार्यक्रमों में भी जाता रहा. स्थानीय लोगों के अनुसार बिट्टू हिंदू नेता के रूप में खुद को शहर में स्थापित करना चाहता था.
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