पंजाब: जीरा शराब फैक्ट्री बंद करने का आदेश, 7 महीने से किसानों का संघर्ष लाया रंग, सरकार झुकी

पंजाब: जीरा शराब फैक्ट्री बंद करने का आदेश, 7 महीने से किसानों का संघर्ष लाया रंग, सरकार झुकी

किसानों के 7 महीने के संघर्ष के बाद आखिरकार पंजाब सरकार ने फ़िरोज़पुर जिले के जीरा में स्थित बहुचर्चित मार्लबोरो शराब फैक्ट्री को तत्काल बंद करने का निर्देश जारी किया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की है। मान ने ट्विटर पर लिखा है कि वातावरण की हवा को ख़राब करने का अधिकार किसी को भी नहीं है।

उन्होंने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे पर्यावरण के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा, जो भी राज्य सरकार की तरफ से निर्धारित नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा।

यह फैसला पर्यावरण और कानूनी विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि फैक्ट्री से वातावरण का संतुलन बिगड़ सकता था। पर्यावरण और मानवीय जीवन पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को देखते हुए राज्य सरकार ने तुरंत प्रभाव से इसे बंद करने का फैसला किया है।

जीरा के विधानसभा क्षेत्र मंसूरवाल गांव में बनी इस फैक्ट्री को मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड चला रही थी।

ये भी पढ़ें-

24 जुलाई से जारी था धरना

ज्ञात हो कि 2006 में घी बनाने के नाम पर शराब फैक्ट्री को लगा दिया गया था। फैक्ट्री का विरोध तब शुरू हुआ जब बीते 7 महीने पहले पास के गांव मियांवाला में बोरिंग करते समय जमीन से काले रंग का पानी निकला।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बोर से निकलने वाले काले पानी से कच्ची शराब जैसी गंध आ रही थी। जिसकी जानकारी तत्काल ही प्रशासन को दी गई।

शराब फैक्टरी को बंद करवाने के लिए किसान संगठन बीते 24 जुलाई 2022 से धरने पर बैठे थे। किसान संगठनों का आरोप कि फैक्ट्री के दूषित पानी से जीरा और उसके आस-पास के गांवों में भूमिगत जल जहरीला हो रहा था। इसके अलावा गांव के लोग कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गये थे।

जीरा शराब फैक्ट्री का मामले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट भी पहुंचा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने फैक्ट्री गेट के पास प्रदर्शनकारियों को नहीं उठाने पर पंजाब सरकार को 20 करोड़ रुपए का जुर्माना तक लगा दिया था।

कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए थे कि प्रदर्शनकारियों को फैक्ट्री से 300 मीटर दूर किया जाए।

ये भी पढ़ें-

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट कमेटी फिरोजपुर पहुंची

वहीं बीते सोमवार, 16 जनवरी को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी फिरोजपुर शहर पहुंची।

गठित कमेटी का नेतृत्व न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरके नेहरू कर रहे हैं। सोमवार को आरके नेहरू ने जिला उपायुक्त अमृत सिंह सहित फिरोजपुर जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

जिसके बाद बैठक में उपायुक्त ने निर्णय लिया कि मंगलवार को मंसूरवाल गांव का दौरा करेगी और शराब फैक्ट्री का मुआयना करेगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के ग्रामीणों, पंचायत सदस्यों के साथ-साथ विभिन्न संघों के सदस्यों को आगे आना चाहिए और कारखाने के बारे में अपनी चिंताओं को बताना चाहिए।

सिंह ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने से पहले जनता की राय जानने के लिए समिति विभिन्न जिला अधिकारियों से भी मुलाकात करेगी।

उपायुक्त अमृत सिंह और अतिरिक्त उपायुक्त सागा सेतिया का शनिवार को कुछ अन्य आईएएस अधिकारियों के साथ तबादला कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक अपना नया प्रभार ग्रहण नहीं किया है।

फैक्ट्री बंद करने के संघर्षरत सांझा जीरा मोर्चा के तीन सदस्यों ने उच्च न्यायालय की समिति के साथ मुलाकात की। जिसमें संदीप सिंह ढिल्लों, डॉ हरिंदर सिंह जीरा, और रवदीप सिंह पन्नू ने अपनी बात रखी।

दरअसल, जीरा शराब फैक्ट्री बंद करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों किसानों पर दिसंबर 2022 को पंजाब पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था।

जिसके बाद पुलिस ने लगभग 1,100 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कुछ को गिरफ्तार भी किया था। जिसके बाद भी किसानों ने धरना खत्म नहीं किया और लगातार फैक्ट्री बंद करने की मांग करते रहे।

यहां तक कि किसानों ने पंजाब का महापर्व लोहड़ी भी धरनास्थल पर मनाया।

ये भी पढ़ें-

SKM ने धरना जारी रखने का किया ऐलान

वहीं शराब फैक्ट्री चलाने वाली कंपनी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा कि इस यूनिट को लगाने में 300 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। 200 करोड़ बाजार से उठाए गए थे।

फैक्ट्री चलाने और स्टाफ पर डेढ़ करोड़ का खर्च है और दो करोड़ रुपये प्रति माह किस्त देनी पड़ती है। सरकार प्रदर्शनकारियों से मिली हुई है। इस कारण हर महीने उनका करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।

किसान की शराब फैक्ट्री बंद करवाने की मांग का समर्थन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी किया था। जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि ये जीत अभी अधूरी है, क्योंकि सीएम ने ये भी कहा है कि अगली लड़ाई अदालत में होगी। इसीलिए सभी जत्थेबंदियों के नेताओं संग बैठक करने के बाद अगला फैसला लेंगे। जब तक पूर्ण तौर पर फैक्ट्री बंद नहीं होती तब तक उनका धरना जारी रहेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलदेव सिंह जीरा ने कहा कि सीएम भगवंत मान के फैक्ट्री बंद करने के आदेश का सभी जत्थेबंदी स्वागत करती हैं और मान का धन्यवाद करती है। बलदेव ने कहा कि ये जीत अभी अधूरी है, क्योंकि सीएम ने ये भी कहा कि अब ये मामला अदालत में जाएगा।

वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

WU Team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.