शराब फ़ैक्ट्री विरोधः पंजाब की ‘आप’ सरकार ने 1100 पर मुकदमा दर्ज किया

शराब फ़ैक्ट्री विरोधः पंजाब की ‘आप’ सरकार ने 1100 पर मुकदमा दर्ज किया

पंजाब के फ़िरोज़पुर जिले के मंसूरवाल कलां गांव में शराब फ़ैक्ट्री के विरोध प्रदर्शन में हुए लाठीचार्ज के बाद पुलिस में बुधवार, 21 दिसंबर को 1,100 से अधिक अज्ञात लोगों पर  भगवंत मान  सरकार ने  मामला दर्ज किया है। वहीं एक अन्य मामले में प्रदर्शन स्थल पर बिजली चोरी के आरोप में 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

ज्ञात हो  कि 6 जुलाई से आसपास के  करीब  40 गांवों के लोग शराब फैक्ट्री को बंद करने की मांग कर रहे हैं। जिनका किसान संगठनों ने भी समर्थन किया है।

किसान संगठनों के सदस्यों कहना है कि  ‘लोग  शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन पुलिस प्रशासन के धरने को हटने के लिए लोगों पर लाठीचार्ज किया था।’

जानकारी के मुताबिक किसान यूनियनों के सदस्यों के साथ हुई झड़प में आठ पुलिस कर्मियों के घायल होने के बात भी सामने आयी है।

पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल शनिवार को आंदोलनकारियों के पास पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को दूर किया जाएगा।

धालीवाल ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया था कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी और कहा कि इस संबंध में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों वाली विशेष तथ्यान्वेषी समितियों का गठन किया जाएगा।

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दरअसल, पुलिस ने धरना  स्थल पर बैरिकेडिंग लगा दिए थी, ताकि  प्रदर्शन को ख़त्म किया जा सके। लेकिन जब प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग को हटने की कोशिश की तो पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया।

वहीं, जीरा में शराब फैक्ट्री के सामने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने 44 पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है।

किसान सगठनों के सदस्यों पर हुए लाठीचार्ज के मसले पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। जब किसान अधिकार की बात करते हैं, तो पंजाब सरकार उन पर लाठीचार्ज करती है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि, ‘पंजाब के फिरोजपुर में किसान शराब के प्लांट को बंद करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को सुनने की बजाय आम आदमी पार्टी सरकार उन्हें लाठियों से पीट रही है । ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। संगरूर में भी किसानों पर लाठीचार्ज किया गया! आप की लाठीचार्ज सरकार ’

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वहीं धरने पर बैठे लोगों और किसानों समेत सरकार से बीते 20 दिसम्बर को हाईकोर्ट ने तीन दिनों के भीतर इस बात का जवाब माँगा था कि धरना कब हटाया जायेगा? इसके जवाब में धरने पर बैठे लोगों के वकील ने कहा कि, जब तक उनकी मांग नहीं मान ली जाती, वह धरने से नहीं हटेंगे। प्रतिवादी पक्ष का कहना था कि उनका धरना शांतिपूर्वक चल रहा है जिस पर कोर्ट ने कहा कि धरना स्थल तमाम राजनीतिक दलों का केंद्र बना हुआ है।

दरअसल, फैक्ट्री का विरोध तब शुरू हुआ जब बीते 6 महीने पहले पास के गांव मियांवाला में बोरिंग करते समय जमीन से काले रंग का पानी निकला। जब प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो 40 गांव के लोगों ने धरना देने शुरू कर दिया। बीते 6 जुलाई से सैकड़ों लोग फैक्ट्री को बंद करने की मांग कर रहे हैं।

इस संबंध में क्षेत्र के 40 गांवों की पंचायतों ने पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बताया कि शराब फैक्ट्री के कारण जमीन का पानी गन्दा हो रहा है। इस मुद्दे पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जमीन से निकलने वाले पानी और मिट्टी के खराब होने के मुद्दे पर पंजाब के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था।

वहीं शराब फैक्ट्री प्रबंधन हड़ताल के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट गए थे। जिसके बाद कोर्ट ने पंजाब सरकार पर करीब 15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

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WU Team

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