UPS के खिलाफ रेलवे कर्मचारियों का गुस्सा, सरकार ने OPS लागू नहीं किया तो करेंगे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन
न्यू पेंशन स्कीम के भारी विरोध के बाद मोदी सरकार द्वारा लाये गए यूपीएस का भी विरोध देश भर में कर्मचारियों द्वारा शुरू हो चुका है।
कर्मचारी संघ और कर्मचारियों का कहना है कि ‘ ओपीएस ही हमारी असल मांग है और इसके लागू न होने तक केंद्रीय कर्मचारी अपना विरोध जारी रखेंगे। 20 वर्षो से जारी हमारी मांग है कि पुराने पेंशन स्कीम को लागू किया जाए लेकिन ये सरकार यूपीएस के रूप में हमें झुनझुना पकड़ाना चाहती है ,जिसको कर्मचारी स्वीकार नही करेंगे’।
केंद्र सरकार द्वारा लागू यूनिफाइड पेंशन स्कीम ( यूपीएस) के विरोध में धनबाद रेल मंडल के कई स्टेशनों पर कर्मियों ने शनिवार को प्रतिरोध दिवस मनाया।
ईस्ट सेंट्रल रेलवे इंप्लाइज यूनियन के बैनर तले धनबाद , गोमो और बड़काकाना रेलवे स्टेशन के कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
धनबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर यूनियन के सदस्य जुटे और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कर्मियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करने की मांग की। यूनियन के धनबाद रेल मंडल अध्यक्ष सुनील कुमार साव ने कहा कि, ‘ हमें न तो एनपीएस चाहिए, न ही यूपीएस, सिर्फ ओपीएस चाहिए। हम ओपीएस लेकर रहेंगे। यदि केंद्र सरकार ने ओपीएस लागू नहीं किया, तो पूरे रेलवे का चक्का जाम किया जाएगा।
वही गोमो में भी रेल चालकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले रेल चालकों ने गोमो क्रू लॉबी पर बैठक कर विरोध जताया।
प्रदर्शन के दौरान चालकों ने कहा कि , ‘ यूपीएस लागू कर केंद्र सरकार कर्मचारियों को भ्रम में डालना चाह रही है। सरकार ने कर्मचारियों के यूनियन के पदाधिकारियों से सांठगांठ कर के यूपीएस को लागू करने की कोशिश कर रही है, जिसे हम सफल नहीं होने देंगे। यूपीएस हमारे साथ किया गया एक धोखा है’।
इस मौके पर कर्मचारियों ने बताया कि ‘एआईआरएफ और एनएफआईआर के नेताओं ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर कर्मचारियों को बरगलाया है। यूनियन के पदाधिकारी जो खुद पुराने पेंशन स्किम का लाभ ले रहे ,उन्होंने सरकार से मिलकर उनको झांसे में रख कर धोखा देने का काम किया है’।
‘ सांसद, विधायक,मंत्री, मुख्यमंत्री ,प्रधानमंत्री खुद पुरानी पेंशन ले रहे हैं ,लेकिन अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा देने वाले कर्मचारियों को इससे अलग कर दिया ‘।
अपने ही यूनियन पदाधिकारियों पर कर्मचारी क्यों है गुस्सा
कर्मचारियों का गुस्सा एआईआरएफ के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा के खिलाफ़ भी है, जो यूपीएस लागू होने से पहले मोदी सरकार के बुलावे पर गए थे और लागू होने के बाद बयान दिया था कि कर्मचारियों की लगभग पूरी मांगें मान ली गई हैं।
एक कर्मचारी ने उन पर गद्दारी का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘ शिवगोपाल मिश्रा जी आपने हम कर्मचारियों के साथ गद्दारी किया है, पहले UPS और NPS की जगह OPS बहाल कराइए। आठवें पे कमीशन के गठन की बात कीजिए तब कर्मचारी एकता और संगठन की बात कीजिएगा। हम कर्मचारी एक है और OPS से कम हमें कुछ भी स्वीकार नहीं ‘।
‘ सांसद, विधायक,मंत्री, मुख्यमंत्री ,प्रधानमंत्री खुद पुरानी पेंशन ले रहे हैं ,लेकिन अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा देने वाले कर्मचारियों को इससे अलग कर दिया ‘।
मालूम हो कर्मचारी इससे पहले वो प्रतिरोध दिवस मना चुके हैं।
इस अवसर पर कर्मचारियों के संगठन एनएमओपीएस ने ऐलान किया है कि, ‘2 से 6 सितम्बर तक NPS/UPS के विरोध में कर्मचारी काला पट्टी बांध कर काम करेंगे।
- मनरेगा में खटते खटते मर गई पत्नी, मरने के बाद भी नहीं मिली मज़दूरी- ग्राउंड रिपोर्ट
- फ़लस्तीन और इज़राइल का मज़दूर वर्ग
- मौत से लड़ते कटे टनल के वो सात घंटे, उत्तराखंड हादसे में बचे कर्मियों की आपबीती
- “हम मर जायेंगे लेकिन वेदांता को अपनी 1 इंच भी जमीन खनन के लिए नहीं देंगे” – ओडिशा बॉक्साइट खनन
- विश्व आदिवासी दिवस: रामराज्य के ‘ठेकेदारों’ को जल जंगल ज़मीन में दिख रही ‘सोने की लंका’
- “फैक्ट्री बेच मोदी सरकार उत्तराखंड में भुतहा गावों की संख्या और बढ़ा देगी “- आईएमपीसीएल विनिवेश
- “किसान आंदोलन में किसानों के साथ खड़े होने का दावा करने वाले भगवंत मान आज क्यों हैं चुप “
- ओडिशा पुलिस द्वारा सालिया साही के आदिवासी झुग्गीवासियों पर दमन के खिलाफ प्रदर्शन पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।