राजस्थान सरकार ने गिग वर्कर्स को दिया बड़ा तोहफा, बजट में 200 करोड़ रुपए आवंटित
राजस्थान सरकार ने गिग वर्कर्स के लिए 200 करोड़ रुपए की कल्याण कोष स्थापित करने की घोषण की है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार, 10 फ़रवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। जिसमें उन्होंने ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो आदि कंपनियों के लिए काम करने वालों के लिये अस्थायी कर्मियों यानी ‘गिग वर्कर्स’ के लिए 200 करोड़ रुपये का कल्याण कोष स्थापित करने की घोषणा की है।
राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखा कर बजट पेश किया है।
गहलोत ने कहा कि गिग वर्कर्स ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो, अमेजन आदि कंपनियों के लिए काम करते हैं और उनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ‘गिग इकॉनमी’ का दायरा बढ़ रहा है और राज्य में ‘गिग वर्कर्स’ की संख्या बढ़कर 3-4 लाख हो गई है। और इनकी सामाजिक सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।
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गहलोत ने कहा “उन्हें उत्पीड़न से बचाने के लिए, मैं गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट लाने का प्रस्ताव करता हूं, जिसके तहत गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के गठन के साथ, 200 करोड़ रुपये के साथ गिग वर्कर्स वेलफेयर फंड की स्थापना की जाएगी।’’
राजस्थान सरकार के इस फैसले से गिग वर्कर्स को काफी राहत मिलने की संभावना है।
दरअसल, बीते कई महीनों से देशभर के गिग वर्कर्स हड़ताल कर सामाजिक सुरक्षा और वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
डिलीवरी ब्वॉय और ओला उबर जैसी कंपनियों के ड्राइवरों की यूनीयनें लगातार सरकारी नीति बनाने की मांग भी करती रही हैं।
पिछले साल दुर्गापूजा से लेकर दशहरे तक कई शहरों में डिलीवरी बॉयज़ ने हड़तालें की थीं। कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली, औरंगाबाद में इन हड़तालों से त्योहार के मौके पर फूड फिलीवरी कंपनियों को काफी नुकसान हुआ था।
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