राजस्थान: जब जनता की बात आई तो सरकारी डॉक्टर भी चले गए हड़ताल पर
राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टरों के विरोध के कारण बुधवार को स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित रहीं।
प्राइवेट डॉक्टरों के समर्थन में सरकारी डॉक्टरों और मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी ने बुधवार को एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।
हालांकि आपातकालीन सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है। सामान्य मरीज़ों को सरकारी अस्पताल के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी इलाज कराने में मुश्किलें पेश आ रही हैं ।
सरकारी डॉक्टरों के एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अजय चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि राइट टू हेल्थ बिल के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन के समर्थन में सरकारी डॉक्टर बुधवार को एक दिन की सामूहिक छुट्टी पर चले गए। उन्होंने कहा कि आपातकालीन सेवाओं के लिए डॉक्टर काम कर रहे हैं।
राजस्थान में प्राइवेट डॉक्टर राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे हैं।
National President Dr. Sharad Agarwal briefing the Media about #RTH_Bill Imposed by the Government of Rajasthan on private doctors pic.twitter.com/XH0sINV11k
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) March 27, 2023
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उनकी मांग है कि इस प्रस्तावित क़ानून को राज्य सरकार वापस ले। मंगलवार को राजस्थान विधानसभा ने इस बिल को पारित कर दिया था।
इस बिल में ये प्रावधान है कि राज्य के हरेक निवासी को ये हक़ होगा कि वो सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों और हेल्थ केयर सेंटरों से बिना पहले भुगतान किए आपातकालीन इलाज करा सकेंगे।
इस बीच राज्य सरकार ने बिना मंज़ूरी के छुट्टी पर जाने वाले सरकारी डॉक्टरों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव इक़बाल ख़ान ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल्स को आदेश जारी कर ये सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि ओपीडी, आईपीडी, आईसीयू, इमर्जेंसी और प्रसूति वॉर्ड्स में डॉक्टरों के छुट्टी पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों।
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