हिमाचल में OPS की बहाली, केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ा
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हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली कर कांग्रेस ने अपना चुनावी वादा पूरा किया है। शुक्रवार, 13 जनवरी को कैबिनेट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ओपीएस बहाली के प्रस्ताव को मंजूरी दी। खुद मुख्यमंत्री ने इस फैसले के बारे में ट्विट किया है।
हिमाचल की जनता से किए गए हर बादे को पूरा किया जाएगा । pic.twitter.com/OeK1dHY1zX
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) January 14, 2023
इस फैसले की घोषणा के बाद राज्य में सरकारी कर्मचारियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी और उन्होंने जश्न मनाया।
इस तरह से ओपीएस को बहाल करने वाला हिमाचल पांचवा राज्य बन गया है। इससे पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार भी पुरानी पेंशन लागू कर चुकी है।
गौरतलब है कि हिमाचल में विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर कैबिनेट की पहली बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली का वादा किया था।
भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन ख़त्म करके बुजुर्गों का सहारा छीन लिया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सरकारों ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाल कर दी है।
गुजरात और हिमाचल में भी कांग्रेस की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। #CongressDegiOldPension
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 20, 2022
ओपीएस लागू करने की घोषणा के साथ ही कैबिनेट ने महिलाओं को प्रतिमाह 1500-1500 रुपये देने और बेरोजगारों को एक लाख रोजगार दिलाने के लिए मंत्रिमंडलीय उप समितियां गठित कीं। प्रदेश में 18 से 60 वर्ष की हर महिला को 1500 रुपये मासिक देने के लिए मंत्री धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार और अनिरुद्ध सिंह की सदस्यता वाली एक उप समिति बनाई गई।
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हिमाचल में ओपीएस की बहाली की घोषणा के बाद जहां राज्य में कर्मचारी जश्न मना रहे हैं , वहीं केंद्र सरकार पर भी ओपीएस को लागू करने दबाव बढ़ गया है।
गौरतलब है कि पूरे देश में ट्रेड यूनियन और कर्मचारी संगठन और यूनियन पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे हैं और एक के बाद एक राज्य में ओपीएस लागू होने से उनकी उम्मीद और मजबूत हो रही है और आंदोलन में तेजी आ रही है।
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