पंजाबी यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत प्रोफेसरों को नहीं मिला है 2 महीने से पेंशन, दी भूख हड़ताल कि धमकी
पंजाबी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसरों जिनमें से कई बेहद वृद्ध हैं और गैर -शिक्षण कर्मचारियों जिनको कि पिछले 2 महीनों से पेंशन और वेतन नहीं मिला है. विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और आने वाले दिनों में भूख हड़ताल करने की धमकी दी है.
पंजाबी विश्वविद्यालय सेवानिवृत्त शिक्षक संघ (पीयूआरटीए) के सेवानिवृत्त प्रोफेसर जगबीर सिंह ने कहा कि वे अगस्त महीने की पेंशन का इंतजार कर रहे हैं जबकि अब सितंबर का महीना भी खत्म होने वाला है. विश्वविद्यालय ने कुछ पेंशनभोगियों को राशि वितरित कर दी है, जबकि अन्य अभी भी धनराशि का इंतजार कर रहे हैं.”
आगे उन्होंने बताया कि “यूनिवर्सिटी परिसर में विरोध प्रदर्शन करने वालों में सेवानिवृत्त वृद्ध प्रोफेसर भी शामिल रहे. पंजाबी यूनिवर्सिटी सेवानिवृत्त शिक्षक संघ (पुर्टा) के 75 सदस्यों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया”.
जगबीर सिंह ने मिडिया से बात करते हुए बताया कि “हमने इस बात पर प्रकाश डाला है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालय को महीने के पहले 10 दिनों के भीतर पेंशन का वितरण करना होता है. लेकिन यह इसका पालन करने में विफल रहा है.सेवानिवृत्त शिक्षकों ने कहा कि वे अपनी दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं के भुगतान के लिए राशि का इंतजार करते हैं. यदि विश्वविद्यालय समय पर भुगतान देने में विफल रहता है, तो सेवानिवृत्त शिक्षक अगले सप्ताह भूख हड़ताल करेंगे.”
स्टाफ सदस्यों में से एक मनोज भांबरी ने कहा, “विश्वविद्यालय पिछले दो महीनों – दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के हमारे वेतन और पेंशन का भुगतान करने में विफल रहा है. इससे कई लोगों को बड़ी असुविधा हुई है, क्योंकि कर्मचारियों को कम वेतन दिया जाता है. कर्मचारियों में से एक पिछले पांच दिनों से भूख हड़ताल कर रहा है. लेकिन अधिकारी उसका मेडिकल चेक-अप भी नहीं करा रहे.”
महत्वपूर्ण बात यह है कि विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा राजस्व मंत्री हरपाल सिंह चीमा से मुलाकात करने और नकदी संकट से जूझ रहे विश्वविद्यालय के लिए अनुदान मांगने के कुछ ही दिन बाद कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया है.
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