संयुक्त किसान मोर्चा ने कर्मचारियों के पुरानी पेंशन स्किम की मांग पर दिल्ली में आयोजित रैली को दिया समर्थन
संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान महासभा (राष्ट्रीय घटक संयुक्त किसान मोर्चा) ने 1 अक्टूबर 2023 को पुरानी पेंशन स्कीम की मांग पर दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कर्मचारियों की रैली को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है.
किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि” किसान महासभा और संयुक्त किसान मोर्चा देश में चल रही निजीकरण, कॉरपोरेटीकरण ,छंटनी और न्यू पेंशन स्कीम के जरिये देश के कर्मचारियों पर किए जा रहे सत्ता के हमलों का डट कर विरोध करता है”.
उन्होंने कहा कि “भाजपा जब भी सत्ता में आती है, हमेशा कर्मचारी विरोधी, किसान-मजदूर विरोधी फैसले लेती है. भाजपा के नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम खत्म कर उनके भविष्य को असुरक्षित बनाया. उसी वाजपेयी सरकार ने कृषि और लघु उद्योगों के उत्पादों के आयात से मात्रात्मक प्रतिबंध हटाकर देश के किसानों और स्माल स्केल इंडस्ट्री की भी कमर तोड़ दी.इसका नतीजा हुआ कि भारत में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली खेती घाटे का सौदा बन गई और छोटे उद्योग धंधे बड़े पैमाने पर बर्बाद हो गए”.
किसान नेता पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि “आज मोदी सरकार एक तरफ सरकारी व सार्वजनिक संस्थानों व संपत्तियों को कोड़ी के भाव अपने चहेते कारपोरेट को लूटा रही है, दूसरी ओर खेती, अन्न के भंडारण और खुदरा बाजार पर भी कारपोरेट को कब्जा कराती जा रही है.
आगे अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा की “ऐसी स्थिति में कर्मचारियों, मजदूरों, किसानों की व्यापक एकता आज भारत की सबसे बड़ी जरूरत है. इस देश को बनाने, उत्पादन करने और चलाने वाले हम तीनों तबकों की एकता के बल पर ही अब देश को एक नए रास्ते पर ले जाया जा सकता है. अभी 5 राज्यों के चुनाव और 2024 का लोकसभा चुनाव आ रहा है. इस कर्मचारी, किसान, मजदूर विरोधी सरकार से बदला लेने का संकल्प लेकर यहां से जाना है”.
किसान नेता श्री शर्मा ने मिडिया को जानकारी देते हुए बताया कि “देश की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने मिल कर देशव्यापी आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है. हमारी यह व्यापक एकता हमारी जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी”.
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