अडानी को करारा जवाब, फ्रॉड को राष्ट्रवाद से नहीं छुपा सकते
आज बड़े बड़े अख़बारों में अडानी ग्रुप की प्रेस विज्ञप्ति को फ्रंट पेज पर छापा गया है जिसमें हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत पर हमले के समान बताया गया है।
इस विज्ञप्ति में बिना हिंडनबर्ग का कोई पक्ष लिए पूरा का पूरा छाप दिया गया है। इन अख़बारों में इंडियन एक्सप्रेस सबसे आगे है, जिसने दो दिन पहले ही फुल पेज का विज्ञापन छाप कर अडानी की लाज बचाने की कोशिश की थी।
अडानी ने 413 पेज का जवाब जारी किया है ये कहते हुए कि वो ऐसी तुच्छ कंपनी के आरोपों का जवाब नहीं देना चाहती थी लेकिन निवेशकों में भरोसा पैदा करने के लिए ये किया जा रहा है।
इस ताज़ा जवाब पर अमेरिकी फॉरेंसिक फ़ाइनेंशियल कंपनी हिंडनबर्ग ने कहा है कि फ्रॉड को राष्ट्रवाद के पीछे नहीं छिपाया जा सकता।
हिंडनबर्ग ने पिछले दिनों अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े गंभीर आरोप लगाए थे।
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इसके बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गयी थी।
अडानी समूह ने रविवार देर शाम इस मामले में अपना 413 पन्नों का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने इसे ‘भारत पर हमला’ करार दिया है।
बीबीसी के अनुसार, हिंडनबर्ग ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित जवाब में लिखा है –
“अडानी समूह ने वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हुए इस मामले को राष्ट्रवादी रंग देने की कोशिश की है और हमारी रिपोर्ट को ‘भारत पर एक सोचा-समझा हमला बताया’ है। संक्षेप में कहें तो अडानी समूह ने अपनी और अपने अध्यक्ष गौतम अडानी की संपत्ति में भारी वृद्धि को भारत की सफलता के साथ जोड़ने का प्रयास किया है।”
“हम इससे असहमत हैं। स्पष्ट रूप से हम मानते हैं कि भारत एक समृद्ध लोकतंत्र होने के साथ-साथ बेहतर भविष्य के साथ उभरती हुई महाशक्ति है। हम ये भी मानते हैं कि अडानी समूह भारतीय झंडे की आड़ में भारत को लूट रहा है।”
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