समझौते और MoU की बात झूठी, सैमसंग के खिलाफ हड़ताल जारी रहेगी : CITU
सैमसंग इंडिया द्वारा अपने कुछ मज़दूरों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद भारतीय ट्रेड यूनियनों के केंद्र (CITU) ने इस पर असहमति जताते हुए कहा है कि, ‘ सैमसंग द्वारा की जा रही समझौते और MoU की बात पूरी तरह से झूठी है। हमारी मांगे जब तक पूरी नहीं मान ली जाती, हड़ताल जारी रहेगी’।
CITU ने कहा हमारी प्रमुख मांग के रूप में नई गठित सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन (SIWU) को मान्यता देने की है, जिसे प्रबंधन ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है।
उधर मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए अक्टूबर के मध्य तक का समय दिया है।
मालूम हो हड़ताल की शुरुआत सितंबर के पहले सप्ताह में हुई थी, जब सैमसंग इंडिया के श्रीपेरंबुदूर संयंत्र में सैकड़ों मज़दूरों ने समान वेतन और बेहतर कार्य समय की मांग की थी।
CITU के राज्य अध्यक्ष और SIWU के मानद अध्यक्ष सौंदरराजन ने इस पुरे मामले पर जानकारी देते हुए बताया, ” लगभग 1,800 मज़दूरों में से 200 को चयनित कर सचिवालय ले जाया गया। प्रबंधन ने शर्तें निर्धारित किये और हस्ताक्षर कराये गए और इसे समझौता ज्ञापन (MoU) कहा जा रहा है, जो हड़ताल करने वालों से संबंधित नहीं है। हमारी हड़ताल जारी है और जारी रहेगी।”
समझौता ज्ञापन के बारे में मिली जानकारी के बारे में कहा गया है कि सैमसंग इंडिया अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिए कार्य वातावरण में सुधार के लिए कुछ उपायों को प्राथमिकता देगा।
इनमें एक विशेष प्रोत्साहन ‘उत्पादकता स्थिरीकरण प्रोत्साहन’ के रूप में 5,000 रुपये प्रति माह की राशि शामिल है, जो अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक दिया जाएगा।
इसके साथ ही कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होती है, तो उनके परिवार को एक लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी।
हालांकि, सौंदरराजन ने इसे एक रणनीति बताते हुए कहा कि वेतन वृद्धि हड़ताल समाप्त करने का महत्वपूर्ण कारण नहीं है।
CITU की मांगों में 7 घंटे का कार्य दिवस, 5-दिवसीय कार्य सप्ताह, और पितृत्व अवकाश को 3 दिन से बढ़ाकर 7 दिन करने की भी शामिल है।
इससे पहले CITU से संबंधित सैमसंग इंडिया के थोजिलालार संगम ने 30 सितंबर को मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि उनके यूनियन को पंजीकरण नहीं दिया गया है।
इस पर अदालत ने राज्य सरकार को इस मामले पर निर्णय लेने के लिए अक्टूबर के मध्य तक का समय दिया है।
श्रीपेरंबुदूर संयंत्र, जिसमें लगभग 1,800 से 2,000 मज़दूर कार्यरत हैं, भारत में सैमसंग के दो प्रमुख कारखानों में से एक है।
यह संयंत्र देश में सैमसंग के 12 अरब डॉलर के वार्षिक राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
भारत में यह हड़ताल दक्षिण कोरिया में सैमसंग की सबसे बड़ी यूनियन द्वारा वेतन और बोनस वार्ता के संबंध में की गई एक समान हड़ताल के बाद हो रही है।
सैमसंग ने हड़ताल की वजह से उत्पादन में देरी को कम करने के लिए ठेका मज़दूरों की नियुक्ति की है।
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