बेलसोनिका में वीआरएस का नोटिस, यूनियन का आरोप- स्थाई और अस्थाई मज़दूरों को बेरोज़गार करने की कोशिश
By गुड़गांव संवाददाता
हरियाणा के आईएमटी मानेसर स्थित मारुति सुजुकी की ज्वाइंट वेंचर कम्पनी बेलसोनिका ऑटो कम्पोनेंट इण्डिया प्रालि ने दिनांक दो जुलाई को फैक्ट्री में कार्य करने वाले स्थाई-अस्थाई श्रमिकों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृति स्कीम/पाॅलिसी लेकर आने की घोषणा कर दी।
बेलसोनिका यूनियन ने इसे सालों से काम करने वाले स्थाई और अस्थाई मज़दूरों को हटाने की कोशिश करार देते हुए, इस स्कीम का विरोध किया है।
प्रबंधन के उच्च अधिकारियों ने यूनियन को इसकी वजह संस्था में कम काम होना बताया है। आपको बता दें कि बेलसोनिका फैक्ट्री मुख्य शीट मैटल का काम करती है। यह मारुति सुजुकी के लिये चेसिस बनाने का कार्य करती है।
फिलहाल फैक्ट्री में 680 के लगभग परमानेंट वर्कर हैं, 10 प्रोबेशन, 140 कांट्रैक्ट वर्कर (जिनको 5-6 वर्ष कार्य करते हो चुके हैं), लगभग 60 नीम ट्रेनी, 100 के लगभग अप्रेन्टिस और 100 के लगभग 6 माह के लिये ठेके पर भर्ती किये जाने वाले फ़िक्स टर्म एम्प्लाई हैं।
कुल मिलाकर 1100-1200 वर्कर बेलसोनिका में कार्य करते हैं। बेलसोनिका फैक्ट्री में वर्ष 2014 से 2016 तक यूनियन बनाने का तीखा संघर्ष चला था। अगस्त 2016 में मजदूर यूनियन बनाने में कामयाब रहे।
यूनियन के महासचिव जसवीर का कहना है कि पूरे ऑटो सेक्टर की कंपनियां अब परमानेंट और कांट्रैक्चुअल वर्करों को निकाल कर उनकी जगह नीम, एफ़टीई, अप्रेंटिस के तहत बेहद सस्ते मज़दूर लाना चाहती हैं।
उनका कहना है कि बेलसोलिका यूनियन राजनैतिक व सामाजिक घटनाओं व मुद्दों पर सक्रीय रही है, जिसके कारण इस इलाके में इसकी एक पहचान और भूमिका है।
यूनियन के अनुसार, बेलसोनिका प्रबंधन ने दो जुलाई को अचानक बताया कि जो ठेका श्रमिक पिछले 5-6 वर्षो से कार्य कर रहे हैं, उनके लिये वीआरएस लेकर आ रही है। इस बारे में यूनियन से पहले कोई सलाह मशविरा नहीं किया गया।
प्रबंधन ने यह भी बताया कि उसके बाद परमानें वर्करों के लिये वीआरएस पाॅलिसी लाई जायेगी। प्रबंधन ने वीआरएस को लेकर तत्परता दिखानी शुरू कर दी है। सात जुलाई को प्रबंधकों ने 5-6 सालों से कार्य कर रहे कांट्रैक्ट वर्करों को बुलाकर वकील को साथ लेकर वीआरएस लेने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया।
यूनियन ने वीआरएस की प्रबंधन की इस पाॅलिसी का विरोध किया है। यूनियन का आरोप है कि प्रबंधन लगातार वीआरएस को लेकर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दबाव मज़दूर नेताओं पर बना रहा है।
नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर एक यूनियन प्रतिनिधि ने बताया कि वीआएस को लेकर बेलसोनिका यूनियन गम्भीर तो नज़र आती है, लेकिन यह गम्भीरता ज़ुबानी बातों तक ही दिखाई दे रही है, जबकि संघर्ष की एक बड़ी चुनौती यूनियन के सामने आ खड़ी हुई है।
उनके अनुसार, ‘जब मजदूरों के ऊपर शासक वर्ग लगातार हमलावर है तथा वह उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण की नीतियों को आगे बढ़ाकर श्रम कानूनों को खत्म कर 4 घोर मजदूर विरोधी श्रम सहिताएं मजदूरों पर लागू करने पर उतारू है। मजदूर आंदोलन में उतार की स्थिति साफ देखी जा रही है।’
उनका कहना है कि पूंजीपति वर्ग लगातार हमलावर है। छंटनी, तालाबंदी, वीआरएस और यहां तक कि 4 श्रम सहिताएं इसी का परिणाम है। मज़दूरों के अन्दर छाई निराशा व पस्त हिम्मती को तोड़ने के लिये मज़दूर यूनियनों की पहलकदमी की ज़रूरत साफ़ तौर पर महसूस की जा सकती है।
गुड़गांव में काम करने वाले एक ट्रेड यूनियन एक्टिविस्ट का कहना है कि बेलसोनिका यूनियन को एक नई शुरूआत करनी होगी, बिना एकजुट हुये इस वीआरएस व लेबर कोड के ख़िलाफ़ नहीं लड़ा जा सकता है। अकेला-अकेला मजदूर अब ना तो अपनी नौकरी बचा सकता है और ना अपना अस्तित्व। यूनियन को एक वर्गीय राजनीति के आधार पर अब व्यापक लड़ाई के लिये आगे आना होगा और मजदूर वर्ग में एक नई जान फूंकनी होगी।
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