बैंगलोर: कोर्ट ने विप्रो को जबरन निकाले कर्मचारी को बहाल करने का दिया आदेश
एक औद्योगिक विवाद में विप्रो टेक्नोलॉजीज को हराते हुए कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (किटू) को बड़ी जीत हाथ लगी है।
बैंगलोर हाईकोर्ट ने विप्रो को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किए गए कर्मचारी को सेवा की निरंतरता और पूर्ण पीठ मजदूरी के साथ बहाल करने का आदेश दिया है।
किटू उपाध्यक्ष कॉमरेड टीकेएस कुट्टी ने कोर्ट में कर्मचारी का प्रतिनिधित्व किया।
फैसला औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 10(1)(c)(d) के तहत जारी किया गया था।
जानकारी के अनुसार कर्मचारी का जबरन इस्तीफा 2 मार्च, 2018 को हुआ था। यूनियन के अनुसार, वह एक वरिष्ठ कर्मचारी था, और बिना किसी स्पष्ट कारण के इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था।
तीसरे अतिरिक्त श्रम न्यायालय के आदेश में कहा गया है, “पहले पक्ष (कर्मचारी) का जबरन इस्तीफा दबाव, जबरदस्ती और उसकी स्वतंत्र इच्छा और सहमति के बिना प्राप्त किया गया और दूसरे पक्ष (विप्रो) के प्रबंधन द्वारा स्वीकार किया गया जोकि कानून में अवैध है।”
कोर्ट ने आगे कहा कि कंपनी को निर्देश दिया जाता है कि वह पहले कर्मचारी को सेवा की निरंतरता, पुराना वेतन, वेतन के बकाया और ऐसे अन्य बकाया, लाभ आदि के साथ उसे मूल पद पर बहाल करे।
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