कोरोना से हुई 98 कर्मचारियों की मौतों को बेस्ट प्रबंधन छुपा रहा है: यूनियन का आरोप
कोरोना पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। इसी बीच मुबंई से बड़ी ख़बर सामने आई है। बृहानमुबंई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की यूनियन ने बेस्ट के अधिकारियों पर कोरोन के आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगाया है।
यूनियन का दावा है कि बेस्ट में काम करने वाले 98 कर्मचारियों की मौत कोरोना से हुई है। जबकि बेस्ट प्रबंधन का कहना है कि कोरोना के कारण केवल 9 कर्मचारियों की मौत हुई है।
मुंबई मिरर की एक ख़बर के अनुसार, बेस्ट यूनियन ने एक रिकॉर्ड पेश कर के दावा किया है कि, यहां पर काम करने वाले लगभग 107 कर्मचारियों की मौत कोरोना से हुई है।
बेस्ट के रिकॉर्ड के अनुसार, “1,385 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए थे जिसमें से 1,081 कर्मचारी ठीक हो गए थे। मौतों का आंकड़ा अभी भी 9 ही है। और मौत से जुड़ी हुई लिस्ट को अपडेट नहीं किया गया है।“
वहीं मुबंई मिरर में छपी खबर के अनुसार, कोरोना से 9 कर्मचारियों की मौत नहीं बल्की 25 कर्मचारियों की मौत हुई है।
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बेस्ट का दावा
इस पर बेस्ट प्रबंधन का कहना है कि, “इसमें अधिकतर कर्मचारियों की मौत घर पर रहने के दौरान ही हुई थी। हम उन्हें फ्रंट लाइन फ़ाइटर में नहीं जोड़ सकते हैं। और जब वे अस्पताल में भर्ती थे तो उनके बिल का खर्च हमने ही उठाया था।”
बेस्ट वर्कर यूनियन के कर्मचारी शशांक राव ने बेस्ट पर एक और आरोप लगाते हुए कहा कि, “कोरोना से मरने वाले कई कर्मचारियों को बेस्ट प्रबंधन ने 50 लाख का मुआवजा भी नहीं दिया है।”
शशांक राव की मांग है कि, “हर बस डिपो पर कोरोना मरीज़ों के लिए 20 बेड की आइसोलेशन व्यवस्था की जाए। इसके लिए इन लोगों ने ऑनलाइन साइन लेना भी शुरू कर दिया है।”
बेस्ट प्रबंधन ने का कहना है कि, “यूनियन मौतों का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ा कर बता रहा है। कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिवार को नौकरी मिल गई है और उन्हें हमने 50 लाख का मुआवजा भी दिया है।“
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